प्रदेश में भाजपा सरकार के मंत्रियों को 100 दिन बाद अपने-अपने विभागों का रिपोर्ट कार्ड रखना है। परफॉरमेंस का यह दबाव उनके मंत्रालयों के नौकरशाहों और अधिकारियों पर भी साफ दिखाई दे रहा है।
शासन से लेकर विभागों तक में 100 दिन के लिए तय किए गए विकास कार्यों के लक्ष्यों को लेकर बैठकों के दौर तेज हो गए हैं।
मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू विभागवार बैठकों में लक्ष्यों की प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं। प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार को 60 दिन हो चुके हैं। शपथ लेने के बाद सरकार के सभी मंत्रियों ने अपने-अपने विभागों में 100 दिन के लक्ष्य तय किए थे। ये लक्ष्य पार्टी के चुनाव दृष्टि पत्र में किए गए संकल्पों को ध्यान में रखकर बनाए गए। लक्ष्यों को हासिल करने के लिए मंत्रियों पर ही नहीं अब सरकारी अधिकारियों पर भी परफॉरमेंस का दबाव साफ दिखाई दे रहा है।
हर मंत्री को अपने-अपने विभागों में अवस्थापना विकास, रोजगार, स्वरोजगार, नवाचार, कल्याणकारी योजनाएं तैयार करनी हैं और इन्हें लागू करना है। अब महज 40 दिन शेष बचे हैं, लिहाजा शासन स्तर पर 100 दिन के लक्ष्यों की प्रगति की समीक्षा को लेकर तेजी दिखने लगी है। मुख्य सचिव और सचिव स्तर पर 100 दिन के लक्ष्यों को लेकर अलग से बैठकों के दौर शुरू हो गए हैं।
चुनाव के दो बड़े वादों पर हुए फैसले
धामी सरकार ने भाजपा के चुनाव दृष्टिपत्र को अंगीकार किया है। लिहाजा सरकार पर चुनाव दृष्टिपत्र को ध्यान में रखकर निर्णय लेने का दबाव है। मुख्यमंत्री धामी सरकार की अब तक दो कैबिनेट बैठकें हुई हैं। इन बैठकों में दो अहम निर्णय हो चुके हैं।
पहला फैसला समान नागरिक संहिता लागू करने के संबंध में है और दूसरा अंत्योदय राशन कार्डधारकों को साल में तीन रसोई गैस सिलिंडर मुफ्त देने का फैसला है। अब सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की तर्ज पर किसान प्रोत्साहन निधि का निर्णय लेने की तैयारी में है। इसके अलावा 100 दिन पूरे होने के तक कुछ और चुनावी वादे पूरे करने के लिए मंत्रियों ने विभागों पर पूरा दबाव बना रखा है।
Ministers Report Card: मंत्रियों पर परफॉरमेंस का दबाव, 100 दिन में देना होगा अपने-अपने विभागों का रिपोर्ट कार्ड
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