उत्तराखंड के उत्तरकाशी के हिमस्खलन में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (एनआईएम) के पर्वतारोहियों के एक दल के फंसने के दो दिन बाद गुरुवार को 12 और शव बरामद हुए हैं.
अब तक हादसे में 16 लोगों की जान जा चुकी है. यह जानकारी संस्थान की तरफ से दी गई है. माना जा रहा है कि 15 पर्वतारोही अब भी लापता हैं. बता दें कि बीती 4 अक्टूबर को पर्वतारोही चढ़ाई के बाद लौटते समय 17 हजार फुट की ऊंचाई पर द्रौपदी का डांडा-2 चोटी पर हिमस्खलन की चपेट में पर्वतारोहियों का एक दल आ गया था. इसमें ज्यादातर ट्रेनीं थे.
बीते दिन यानी बुधवार को उत्तराखंड पुलिस ने अपने फेसबुक पेज पर कहा था कि 10 शव बरामद कर लिए गए थे. इससे पहले दिन में राज्य आपात अभियान केंद्र (एसईओसी) ने कहा कि एनआईएम के 61 सदस्यीय एडवांस ट्रेनिंग कोर्स टीम (प्रशिक्षु और प्रशिक्षक समेत) में से 4 शव बरामद किए गए थे, जबकि 30 लोग सुरक्षित बताए गए थे. उधर, लापता पर्वतारोहियों को बचाने के अभियान में जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग स्थित हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल का 14 सदस्यीय दल भी शामिल हो गया है.
दो दिन पहले हुआ था हादसा
आपको बता दें कि 4 अक्टूबर सुबह पौने नौ बजे हुए हिमस्खलन के बाद से लापता पर्वतारोहियों की 41 सदस्यीय टीम के बाकी सदस्यों की तलाश की जा रही है. बताया जा रहा है कि लापता लोग डोकरियानी बमक ग्लेशियर में हिमखंड में फंस गए हैं, जहां हिमस्खलन हुआ था. पुलिस की ओर से जारी सूची के अनुसार, ये प्रशिक्षु पश्चिम बंगाल, दिल्ली, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक, असम, हरियाणा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के हैं.
बचाव अभियान में हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल का दल शामिल
पर्वतारोहियों को बचाने के अभियान में जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग स्थित हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल का 14 सदस्यीय दल भी शामिल हो गया हैं. इस दल को बहुत ऊंचाई पर बचाव अभियान चलाने में विशेषज्ञता हासिल है और यह राहत कार्य में मदद के लिए नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (एनआईएम) आधार शिविर पर पहुंच गया है.
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