चारधाम यात्रा में बीते पांच सालों के बाद इस बार सबसे अधिक तीर्थयात्रियों की मौत हुई है।

उत्तराखंड

चारधाम यात्रा में बीते पांच सालों के बाद इस बार सबसे अधिक तीर्थयात्रियों की मौत हुई है।

मई से शुरू हुई यात्रा में अब तक 311 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। इसमें केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग पर 135 ने दम तोड़ा है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक कुल मौत में 75 प्रतिशत की पहले से किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित होने और अचानक हार्टअटैक के कारण हुई है जबकि 25 प्रतिशत की मौत दुर्घटनाओं से हुई हैं।

कोविड महामारी के कारण दो साल बाद इस बार चारधाम यात्रा बिना किसी रोकटोक के संचालित हुई है। तीन मई को गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुले जबकि केदारनाथ धाम के 6 मई और बदरीनाथ के कपाट 8 मई को खुले थे। यात्रा शुरू होते ही चारधामों में दर्शन के लिए तीर्थयात्रियों की भीड़ उमड़ी रही। चारधाम यात्रा में इस बार जहां तीर्थयात्रियों ने नया रिकॉर्ड बनाया। वहीं, चारों धामों के यात्रा मार्गों पर तीर्थयात्रियों की मौत का आंकड़ा बढ़ा   है।

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक केदारनाथ धाम में 135, बदरीनाथ में 75, यमुनोत्री में 80 और गंगोत्री धाम के रूट पर 21 तीर्थयात्रियों की मौत हुई है। सरकार व स्वास्थ्य विभाग की ओर से यात्रा रूटों पर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 180 से अधिक डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ तैनात किया गया था, लेकिन केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के लिए पैदल चढ़ाई करते समय हार्टअटैक से भी तीर्थयात्रियों की मौत हुई है।

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यात्रा शुरू करने से पहले करना पड़ा यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण
चारधाम यात्रा मार्गों पर तीर्थयात्रियों की मौतें बढ़ने पर सरकार ने स्वास्थ्य परीक्षण करने के निर्देश दिए। जिसके बाद विभाग ने ऋषिकेश समेत यात्रा पड़ाव पर तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य का परीक्षण शुरू किया। जो यात्री स्वस्थ नहीं थे, उन्हें यात्रा न करने की सलाह दी।

चारधामों में अब तक 42 लाख से अधिक श्रद्धालु कर चुके दर्शन
चारधाम यात्रा में इस बार तीर्थयात्रियों ने रिकॉर्ड बनाया गया। अब तक बदरीनाथ धाम में 15.14 लाख, केदारनाथ धाम में 14.25, गंगोत्री में 6.0 लाख, यमुनोत्री में 4.73 लाख से अधिक यात्री दर्शन कर चुके हैं।

यह है स्थिति
धाम मृतक यात्रियों संख्या
केदारनाथ 135
बदरीनाथ 75
गंगोत्री 21
यमुनोत्री 80

वर्ष यात्रियों की मौत
2017 112
2018 106
2019 91

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चारधाम यात्रा में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए पर्याप्त डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ तैनात किया गया था। यात्रा मार्गों पर अब तक 311 यात्रियों की मौत हुई है। इसमें 75 प्रतिशत की मौत पहले से किसी बीमारी से ग्रसित या हार्टअटैक से हुई है।
– डॉ. आर. राजेश कुमार, प्रभारी सचिव स्वास्थ्य

 

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