उत्तराखंड प्रभारी सचिव स्वास्थ्य ने प्रदेश के अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ और दवाईयों की कमी दूर करने के लिए संबंधित अधिकारियों को कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए है.

उत्तराखंड राजनीति

देहरादून: प्रदेश के अस्पतालों में लंबे समय से मेडिकल स्टाफ और दवाओं की किल्लत (Shortage of medical staff and medicines) देखी जा रही है.

जिसे दूर करने के लिए प्रभारी सचिव स्वास्थ्य ने संबंधित अधिकारियों को कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए हैं. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ और दवाओं की कमी (Shortage of medical staff and medicines in hospitals) दूर हो जाएगी.

उत्तराखंड में चिकित्सा इकाइयों को जल्द ही दवाइयां उपलब्ध होने जा रही है. इसके साथ ही मैन पावर की कमी से जूझ रहे अस्पतालों को मेडिकल स्टाफ की कमी भी दूर होने जा रही है. उत्तराखंड के प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि चिकित्सा स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा में नर्सों की कमी बनी हुई है. इसको लेकर 2,600 नर्सों के पद भरने की तैयारी की जा रही है. ताकि आम जनमानस को स्वास्थ्य की बेहतर सुविधाएं मिल सके.

उन्होंने कहा चिकित्सा स्वास्थ्य में नर्सों के रिक्त पदों पर 1 सप्ताह के भीतर तैनाती कर दी जाएगी, लेकिन हेल्थ एजुकेशन के रिक्त पदों को कैबिनेट में ले जाया जाएगा. इसके अलावा कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के 664 पदों के परिणाम भी दो या तीन दिन में आ जाएंगे. इसके साथ ही यह एएनएम के 820 पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग विभिन्न अस्पतालों में बनी हुई मैन पावर की कमियों को दूर किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं.

वही अस्पतालों में दवाइयों की कमी को पूरा करने के लिए प्रभारी सचिव स्वास्थ्य ने सभी संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता को कराने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही मेडिसिन की उपलब्धता को लेकर कार्य योजना बनाने को कहा गया है. ताकि, समय पर दवाइयों के स्टॉक की समुचित जानकारी मिल सके.

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