उत्तराखंड में अगले 6 महीने में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हो जाएगा। इस बात का ऐलान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार (25 नवंबर) को टाइम्स नाउ समिट में किया है।
उन्होंने कहा है कि इस दिशा में तेजी से कमेटी काम कर रही है, और उसकी सिफारिशों के बाद जरूरी कार्यवाही कर इसे लागू कर दिया जाएगा। धामी ने इसके अलावा राज्य में रोजगार के अवसर, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और राजनीति पर भी टाइम्स नाउ की एक्जीक्यूटिव एडिटर टाइम्स नाउ पद्मजा जोशी से विस्तार से बात की। राहुल गांधी पर किए गए एक सवाल पर धामी ने कहा कि कोई व्यक्ति केवल दाढ़ी बढ़ाकर नरेंद्र मोदी नहीं बन सकता।
राहुल गांधी पर कसा तंज
समिट में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और उनरी राजनीति पर किए गए सवाल पर धामी ने कहा कि कोई व्यक्ति केवल दाढ़ी बढ़ाकर नरेंद्र मोदी नहीं बन सकता। उसके लिए कठिन परिश्रम, अनुशासन और देश की सेवा के लिए हर एक पल लगाना पड़ता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस संकल्प के जरिए आगे बढ़ रहे हैं। जहां तक एमसीडी चुनाव में मुख्यमंत्री के प्रचार की क्या जरूरत है, इस सवाल की बात है तो भाजपा अब बूथ लेवल से भी आगे जा चुकी है। हम पन्ना प्रमुख तक पहुंच गए हैं। मैं भी एक कार्यकर्ता के रूप में पार्टी की जरूरत के अनुसार काम करता हूं।
6 महीने में आ जाएगा यूनिफॉर्म सिविल कोड
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर गठित कमेटी तेजी से काम कर रही है। इसके लिए कमेटी सभी संबंधित लोगों से विचार-विमर्श कर रही है। जहां तक इसे लागू करने की बात है तो बहुत जल्द ही यह लागू कर दिया जाएगा। टाइमफ्रेम का सवाल पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि गोवा के बाद उत्तराखंड देश का दूसरा राज्य होगा जहां यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होगा और उम्मीद है कि अगले 6 महीने में यह राज्य में लागू हो जाएगा।
25 साल पूरे होने पर क्या तैयारी
मुख्यमंत्री ने कहा है कि 2025 में राज्य के गठन के 25 साल पूरे हो रहे हैं। इसे देखते हुए राज्य अगले 3 साल में किस ओर जाएगा। उसके बाद 5 साल बाद और 10 साल हम कहां पहुंचेंगे। इसका पूरा रोडमैप तैयार किया गया है। और कोशिश है कि जो योजना बनाई गई है, वह निचले स्तर तक पूरी तरह से लागू हो। इसमें रोजगार के नए अवसर, माइग्रेशन को रोकने के कदम से लेकर विकास योजनाओं और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाने पर जो रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले कुछ समय में कुल 50 हजार सरकारी नौकरियां भी आएंगी। इसके अलावा चारधाम प्रोजेक्ट की तरह दूसरे क्षेत्रों में कम लोकप्रिय धार्मिक स्थलों को भी नए प्रोजेक्ट से जोड़ा जाएगा।