उत्तराखंड के जोशीमट संकट (Joshimath Crisis) पर भाजपा की फायर ब्रांड नेता और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) ने मंगलवार (10 जनवरी, 2023) को कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से अपील की है।
उमा भारती ने सोनिया गांधी से कहा कि वो अपनी पार्टी (कांग्रेस) के लोगों को समझा दें, कि वो अभी इस मामले में आरोप लगाने का खेल न खेलें।
उमा भारती (Uma Bharti) ने कहा कि जोशीमठ संकट (Joshimath Crisis) पर दोनों पार्टी के लोग प्रभावितों की सहायता के लिए जुट जाएं। यह घटना क्यों हुई है, इसके लिए पीएमओ, पर्यावरण और जल संसाधन के एक्सपर्ट आ गए हैं। वो ही यह बताएंगे कि यह घटना क्यों और कैसे हुई।
जोशीमठ प्रोजेक्ट के खिलाफ 2017 में दिया था एफिडेविट: उमा भारती
एनटीपीसी (NTPC) को लेकर उमा भारती ने कहा कि मैंने खुद इस प्रोजेक्ट के खिलाफ 2017 में सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दिया था। जिस पर पर्यावरण मंत्रालय और ऊर्जा मंत्रालय ने सहमति नहीं दी, जबकि इन दोनों मंत्रालय की सहमति चाहिए थी। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने उस दौरान कहा था कि इस प्रोजेक्ट की रिवर्सिबल लॉस है, अपूर्णीय क्षति है। इसको रोक दीजिए।
उमा भारती ने कहा कि मेरे द्वारा इतना सब कुछ कहने के बाद रेणी गांव का हादसा हुआ। उस दौरान भी मैंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को रोक दीजिए, क्योंकि रेणी गांव का हादसा इंगित कर रहा है कि जोशीमठ में कुछ न हो जाए।
जोशीमठ प्रोजेक्ट को लेकर पीएमओ ने अधिकारियों को लगाई थी फटकार: उमा भारती
उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को लेकर यहां के अधिकारियों को पीएमओ ने भी फटकार लगाई थी, क्योंकि प्रधानमंत्री कार्यालय इस प्रोजेक्ट को नहीं चाहता था और इसको लेकर संवेदनशील था। उसके बाद एक नई एक्सपर्ट कमेटी बनी। उस कमेटी ने कहा कि जिन प्रोजेक्ट का काम 50 प्रतिशत तक हो चुका है, उनको पूरा होने दिया जाए। उसी के तहत यह प्रोजेक्ट आया।
उमा भारती बोलीं- विकास और विनाश दोनों साथ नहीं चल सकते
मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास और विनाश यह दोनों साथ नहीं चलेंगे। विकास, आस्था और मानव जीवन साथ चलेंगे। उन्होंने कहा कि जोशीमठ पर बहुत खतरे आए। जोशीमठ ने सभी को पार किया है, इसको भी पार करेगा।