भारतीय सेना (Indian Army के जांबाज सिपाहियों के शौर्य का आज जबलपुर (Jabalpur) में सम्मान किया गया. मध्य कमान के ग्रेनेडियर्स रेजिमेंटल सेंटर के होशियार सिंह पीवीसी परेड ग्राउंड में आयोजित गरिमामय समारोह में देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीद नायक निशांत शर्मा और हवलदार सोनित कुमार सैनी को मरणोपरांत वीरता पदक से नवाजा गया.
कार्यक्रम में 11 वीरता पदक और 20 विशिष्ट सेवा पदक सहित 16 यूनिटों को जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ यूनिट प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया गया.
भारतीय सेना के मध्य कमान का अलंकरण समारोह 2023 आज जबलपुर में आयोजित किया गया. इस समारोह में लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थे. उन्होंने पदक विजेताओं को करतल ध्वनि और जोश से भरे वातावरण में सम्मानित किया. लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी ने 4 सूर्य कमान ट्राफियां भी प्रदान की. आइये जानते है उन वीर सैनिकों के अदम्य साहस के बारे में जिन्हें मरणोपरांत गैलेंट्री अवार्ड से नवाजा गया है.
नायक निशांत शर्मा को गैलेंट्री अवार्ड
यूपी के सहारनपुर से नायक निशांत शर्मा ने सीमा पर संवेदनशील ललली धुरी पर रोड ओपनिंग पार्टी कमांडर के कर्तव्यों का पालन किया. उन्होंने दुश्मन की गोलाबारी के बीच बेजोड़ बहादुरी का परिचय दिया और जान कुर्बान करते हुए तीन लोगों की जान बचाई. 18 जनवरी 2021 को नायक निशांत शर्मा ने सुबह 9 बजकर 45 मिनट पर सड़क खोलने के मिशन की शुरुआत की. इस दौरान दुश्मन ने बदला मोड़ की ओर से अकारण मोर्टार फायर करना शुरू कर दिया. नायक निशांत ने मोर्टार शेल की सीटी की आवाज सुनी और खतरे को महसूस किया. इसके बाद उन्होंने अपनी सुरक्षा की परवाह न करते हुए सभी को सचेत किया. साथ ही अपने लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए दौड़ पड़े. इस दौरान उन्हें कई गोलियां गली. उनकी छाती, कंधे और पेट पर घातक चोटें आईं. उन्होंने 24 जनवरी 2021 को उत्तरी कमान के कमांड अस्पताल में दम तोड़ दिया. उन्होंने अपनी बहादुरी से तीन सैनिकों की जान बचाई.
हवलदार सोनित कुमार सैनी को भी गैलेंट्री अवार्ड
उत्तराखंड के हरिद्वार के रहने वाले हवलदार सोनित कुमार सैनी पूर्वी सेक्टर में ऑपरेशन चौका के लिए हाई एल्टीट्यूड एरिया में प्लांट इक्विपमेंट लगाने वाले टाट्रा वाहन के ड्राइवर थे. 24 सितंबर 2021 टाट्रा ढलान पर दो वाहनों के बीच फंसी हुई थी. तभी सात सेवारत कर्मियों को लेकर भी एक वाहन आ गया. हवलदार सोनित कुमार सैनी को सह-चालक नाइक गुरजंट सिंह के साथ लोगों की जान बचाने के लिए तुरंत निर्णय लेना पड़ा. हवलदार सोनित कुमार सैनी ने अपनी सुरक्षा की परवाह न करते हुए और अदम्य साहस का परिचय देते हुए वाहन को 500 फीट गहरी खाई की ओर मोड़ दिया. उनके इस बहादुरी भरे कार्य से सात लोगों की जान बच गई. हालांकि, टाट्रा खाई में गिर गई. इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई. उन्हें भी गैलेंट्री अवार्ड से नवाजा गया है.
इसके साथ ही मेजर जगतार जोहल, राजपूत रेजिमेंट (राष्ट्रीय राइफल्स की 44वीं बटालियन), कुमाऊं रेजिमेंट के सिपाही नरेंद्र शर्मा (राष्ट्रीय राइफल्स की 50वीं बटालियन), राजपूताना राइफल्स, के मेजर अप्रांत रौनक सिंह (राष्ट्रीय राइफल्स की 9वीं बटालियन), कुमाऊं रेजिमेंट के सिपाही जितेंद्र यादव (राष्ट्रीय राइफल्स की 50वीं बटालियन), कुमाऊं रेजिमेंट के हवलदार भूपेंद्र चंद (राष्ट्रीय राइफल्स की 13वीं बटालियन), सिख लाइट इन्फैंट्री के मेजर आकाश सेन (राष्ट्रीय राइफल्स की 19वीं बटालियन), गढ़वाल राइफल्स के मेजर मृत्युंजय कटोच (14वीं बटालियन राष्ट्रीय राइफल्स), सेना सेवा कोर के मेजर अरुण कुमार (राष्ट्रीय राइफल्स की पहली बटालियन) और दूसरी बटालियन जम्मू और कश्मीर लाइट इन्फैंट्री के मेजर सौबम किनोबाबू सिंह को भी गैलेंट्री अवार्ड से सम्मानित किया गया.