उत्तराखंड में नंदा गौरा योजना में फर्जीवाड़े का मामला सुर्खियों में है. फर्जीवाड़े के चलते महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग पर भी सवाल उठ रहे हैं. लिहाजा, मामले में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कड़ा एक्शन लिया है.
अब हरिद्वार में 193 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. इन पर फर्जी आय प्रमाण पत्र लगाकर योजना का लाभ लेने का आरोप है.
देहरादूनः कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य के एक्शन के बाद नंदा गौरा योजना में हुए फर्जीवाड़े पर बड़ी कार्रवाई शुरू हो गई है. महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग ने 193 लोगों के खिलाफ शिकायत दी है. जिसके बाद अपात्र लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
दरअसल, हरिद्वार में अपात्र लोगों को नंदा गौरा योजना का लाभ दिए जाने पर विभागीय मंत्री रेखा आर्य ने संज्ञान लिया था. रेखा आर्य ने ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए संबंधित जिलों को आदेशित किया. जिसके बाद विभाग ने अपने स्तर से भी कार्रवाई शुरू की. जांच में जो नाम निकल कर सामने आए, उन सभी लोगों के खिलाफ आज मुकदमा दर्ज किया गया है. इन सभी लोगों के आय प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए थे.
बता दें कि उत्तराखंड में 12वीं पास करने के बाद छात्राओं को आगे की पढ़ाई के लिए नंदा देवी कन्या धन योजना के तहत पैसे दिए जाते हैं. गरीब और पढ़ाई का खर्चा न उठा पाने वाली छात्राओं के लिए राज्य सरकार ने इस योजना को शुरू किया था. लेकिन हरिद्वार में इतने बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा होने के बाद महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग सवालों के घेरे में आ गया था.
वहीं, विभागीय मंत्री ने वित्तीय वर्ष 2022-23 की नंदा गौरा योजना मामले में फर्जीवाड़े पर जांच बैठाई थी. हरिद्वार में भले ही फर्जी प्रमाण पत्र लेकर योजना का लाभ उठाया हो, लेकिन आज भी उत्तराखंड के कई जिलों में सही प्रमाण पत्र जमा करने के बाद भी कई छात्राएं इस योजना का लाभ नहीं ले पा रही हैं. लिहाजा, राज्य सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है.