राजौरी सेक्टर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए अपना बलिदान देने वाले उत्तराखंड के कुनीगाढ गैरसैंण चमोली निवासी लांस नायक रुचिन सिंह रावत पंचतत्व में विलीन हो गए।
रविवार को पैतृक गांव स्थित कुनीगाड़ महादेवघाट पर सैनिक सम्मान के साथ बलिदानी रुचिन का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान वातारवण रुचिन तुम्हारा यह बलिदान, याद रखेगा हिंदुस्तान से परिसर गूंज उठा।
शुक्रवार की रात सीमांत जनपद चमोली के गैरसैंण विकासखंड के दूरस्थ गांव कूनीगाड़ मल्ली निवासी राजेंद्र सिंह रावत के पुत्र 29 वर्षीय रुचिन सिंह के बलिदान होने की खबर से क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। तब से गांव में मातम पसरा हुआ है।
वहीं बलिदानी रुचिन सिंह रावत का पार्थिव शरीर शनिवार को विशेष विमान से देहरादून हवाई अड्डे पर लाया गया। यहां पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए नमन किया। इसके पश्चात दोनों के पार्थिव शरीर को उनके गृह क्षेत्र के लिए रवाना किया गया।
इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बलिदानी रुचिन रावत ने भारत मां की सुरक्षा में अपने प्राण न्योछावर कर दिए। हमारी सरकार हमेशा सैनिकों, बलिदानियों के स्वजन के साथ खड़ी है। जो सैनिक देश के लिए मर मिटे हैं, वह हमेशा हमारे स्मरण में रहेंगे।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा उत्तराखंड वीरों व राष्ट्र भक्तों की भूमि है। जब भी देश को बलिदान की आवश्यकता पड़ी उत्तराखंड के जवान हमेशा आगे रहे हैं। हमारी सरकार का संकल्प है कि उनके गांव की सड़कें और विद्यालय आदि बलिदानियों के नाम से जाएं।
साथ ही उनके परिवार के एक सदस्य को योग्यता के अनुसार सरकार नौकरी भी देगी। इसके तहत अभी तक हम 23 लोग को नौकरी दे चुके हैं।