रेलवे की ओर से स्टेशन पर स्टॉल लगाने वाले वेंडरों को पहले से ही एक सूची दी जाती है, इसके बावजूद वेंडर अपनी मर्जी से सूची में कई और चीजें शामिल कर रहे हैं। जिस पर रेलवे की ओर कार्रवाई करने का फैसला लिया गया है।
अब रेलवे स्टेशन पर दो चीजों का स्वाद नहीं मिलेगा। रेलवे स्टेशनों पर विशेष जांच अभियान चलाया जा रहा है, ताकि इन चीजों की बिक्री पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
अब ट्रेन से यात्रा करने वाले लोग रेलवे स्टेशन पर पेटीज और क्रीमरॉल नहीं खा सकेंगे। रेलवे को कार्रवाई करेगा अगर कोई वेंडर स्टेशन पर क्रीमरॉल और पेटीज बेचता पकड़ा जाएगा। इसके लिए रेलवे स्टेशन पर विशेष जांच कर रहा है।
रेलवे की सूची में नहीं है, क्योंकि रेलवे स्टेशनों पर स्टॉल लगाने वाले वेंडरों को पहले से ही सूची दी गई है। वेंडर को स्टॉल पर सिर्फ सूची के अनुसार माल बेचना होगा। रेलवे की उस सूची में क्रीमरॉल और पेटीज नहीं हैं। रेलवे नियम कायदों के अनुसार इनकी बिक्री करना गैरकानूनी है।
रेलवे के मुख्य वाणिज्य निरीक्षक सुभाष अग्रवाल ने कहा कि विशेष जांच अभियान चल रहा है जो पेटीज और क्रीमरॉल की अवैध बिक्री और दाम से अधिक कीमत वसूलने पर रोक लगाना चाहता है। यदि किसी स्टॉल पर क्रीमरॉल और पेटीज बिकता मिला या किसी उत्पाद की कीमत से अधिक रकम वसूली गई तो उसके ठेकेदार पर कार्रवाई होगी।
कुल्हड़ की जगह पेपर कप पर चाय मिलती है
रेलवे ने अभी भी कुल्हड़ पर चाय दी। लेकिन रेलवे ने नुकसान का सौदा साबित होने के बाद पेपर कप पर चाय देने का निर्णय लिया है। पेपर कप चाय पांच रुपये और फ्लेवर चाय दस रुपये है। जबकि कुल्हड़ में रेलवे को इस चाय पर नुकसान हो रहा था। ऐसे में रेलवे ने पेपर कप पर 150 और 170 एमएल चाय फिर से दी है।