उत्तरकाशी आपदा: सैलाब में ढहा मंदिर, मलबे से सुरक्षित बरामद हुई कुलदेवी मां राजराजेश्वरी की प्रतिमा

उत्तराखंड

Uttarkashi Disaster: धराली सैलाब में ढहा मंदिर, मलबे से सुरक्षित निकली कुलदेवी मां राजराजेश्वरी की प्रतिमा

धराली आपदा में चल रहे सर्च अभियान के दौरान एक बार फिर देवभूमि का अद्भुत चमत्कार सामने आया। यहां की गई खुदाई में गांव गलाणथोक की कुलदेवी मां राजराजेश्वरी की चांदी की प्रतिमा, उनकी कटार और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां सुरक्षित बरामद हुईं। ग्रामीणों के अनुसार, यह तीसरी बार है जब मां की मूर्ति आपदा के बाद भी सुरक्षित मिली है। दर्शन के बाद प्रभावित ग्रामीण भावुक हो उठे।

 

पांच अगस्त को धराली में आए मलबे के सैलाब में पुराने गांव गलाणथोक का 200 से 300 साल पुराना भवन जमींदोज हो गया था। इसी में कुलदेवी राजराजेश्वरी का मंदिर भी दब गया था।

हालात ऐसे थे कि लग नहीं रहा था कि कुलदेवी और अन्य मूर्तियां मिल पाएंगी। लेकिन आपदा के 12 दिन बाद की गई खोदाई में मलबे से करीब पांच से सात फीट नीचे पहले एक पेड़ मिला। उसे हटाने पर गलाणथोक की कुलदेवी मां राजराजेश्वरी की चांदी की प्रतिमा, उनकी कटार, पांच पांडवों की मूर्तियां, शिव की पंचमुखी प्रतिमा और शालिग्राम सुरक्षित अवस्था में मिले।

सर्च अभियान चला रही टीम ने जब यह जानकारी आपदा प्रभावित ग्रामीणों को दी तो वे तुरंत वहां पहुंचे। मां के दर्शन करते ही ग्रामीण भावुक हो उठे और प्रार्थना करने लगे कि मलबे में दबे लोगों का शीघ्र पता चल सके।

ग्रामीणों ने आशा जताई कि मलबे में दबे लोगों का भी जल्द पता चल सके। गलाणथोक के राजेश पंवार ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब मां की प्रतिमा किसी आपदा में सुरक्षित मिली हो। इससे पहले भी गांव में आग लगी थी, लेकिन उस दौरान भी केवल मां भगवती का स्थान वाला भवन ही आग से अछूता रहा था।

इस बार भी आपदा के दौरान मां की प्रतिमा पर एक पेड़ गिरने से वह सुरक्षित अवस्था में मिल गई। ग्रामीण इसे पूरे गांव की रक्षा के लिए शुभ संकेत मान रहे हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

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