भारतीय महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर) एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनता जा रहा है। एम्स के स्त्री रोग विभाग की प्रो. राजलक्ष्मी के अनुसार, यह कैंसर गर्भाशय ग्रीवा में असामान्य कोशिकाओं की वृद्धि के कारण होता है।
माहवारी के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव हो रहा है या फिर योनि से लगातार बदबूदार पानी आ रहा है तो नजरअंदाज न करें। यह सर्वाइकल कैंसर हो सकता है, जो लापरवाही बरतने पर जानलेवा साबित होता है। महिलाओं में होने वाले कैंसर में 10 फीसदी सर्वाइकल कैंसर हैं।
घरेलू कार्यों में व्यस्त रहने या जागरूकता के अभाव में महिलाएं अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह रहती हैं। जो कभी-कभी जानलेवा साबित हो जाती हैं। महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर (बच्चेदानी के मुंह का कैंसर) एक आम बीमारी का रूप ले रही है।
एम्स स्त्री रोग विज्ञान विभाग की प्रो. राजलक्ष्मी के अनुसार, भारतीय महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनता जा रहा है। यह गर्भाशय ग्रीवा में असामान्य कोशिका वृद्धि के कारण होता है, जिसका मुख्य कारण ह्यूमन पेपिलोमावायरस संक्रमण है। महिलाओं में होने वाले कैंसर में यह दूसरा सबसे आम प्रकार है। एम्स में हर सप्ताह दो से तीन महिलाएं इस बीमारी से ग्रसित होकर पहुंचती हैं।
सोमवार से शनिवार तक होती है सर्वाइकल कैंसर की जांच
एम्स की स्त्री रोग विज्ञान विभाग की ओपीडी में सोमवार से शनिवार तक प्रत्येक दिन महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की जांच की जाती है। वीआईए ओपीडी क्लीनिक सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक संचालित होती है।
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
मासिक धर्म के बीच या यौन संबंध के बाद असामान्य रक्तस्राव, पेल्विक दर्द, पेशाब में दिक्कत, लगातार थकान, वजन कम होना और पैरों में सूजन सर्वाइकल कैंसर के प्रमुख लक्षण हो सकते हैं। प्रो. राजलक्ष्मी के अनुसार, नियमित स्क्रीनिंग, एचपीवी वैक्सीन और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इस बीमारी से बचाव संभव है।
बचाव व एहतियात
सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए एचपीवी टीका लगाया जाता है। प्रो. राजलक्ष्मी के अनुसार, 9 से 14 साल की लड़कियों को दो डोज दी जाती हैं, जिसमें दूसरी डोज पहली के छह महीने बाद लगती है। 15 साल से अधिक उम्र की लड़कियों के लिए तीन डोज जरूरी होती हैं। यह टीका बाजार में उपलब्ध है।
कारण
प्रो. राजलक्ष्मी के अनुसार, एचपीवी संक्रमण, खासकर एचपीवी 16 और 18, सर्वाइकल कैंसर के प्रमुख कारण हैं। बार-बार गर्भधारण और प्रसव से गर्भाशय ग्रीवा कमजोर हो जाती है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ता है। वहीं, धूम्रपान कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ प्रतिरक्षा प्रणाली को भी कमजोर करता है।
