सत्ता की कमान प्रदेश के मतदाताओं ने किस दल के हाथों में सौंपी है। इस रहस्य से पर्दा 10 मार्च को ही उठेगा। लेकिन प्रदेश में सरकार चाहे जिस दल के बने, शासन स्तर पर नई सरकार के सामने प्रस्तुत की जाने वाली रिपोर्ट बनाने की कवायद शुरू हो गई है। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की मतगणना की उलटी गिनती आज (मंगलवार) से शुरू हो गई है। इसके साथ ही शासन भी अपने स्तर पर होमवर्क की कवायद में जुट गया है। नए मुख्यमंत्री के सामने राज्य की तस्वीर प्रस्तुत करने के लिए सभी विभागों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उनसे विकास कार्यों और परियोजनाओं की प्रगति रिपोर्ट तलब की गई है।
आगामी 10 मार्च को राज्य की पांचवीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव की मतगणना होनी है। उस दिन साफ हो जाएगा कि सत्ता की कमान प्रदेश के मतदाताओं ने किस दल के हाथों में सौंपी है। इस रहस्य से पर्दा 10 मार्च को ही उठेगा। लेकिन प्रदेश में सरकार चाहे जिस दल के बने, शासन स्तर पर नई सरकार के सामने प्रस्तुत की जाने वाली रिपोर्ट बनाने की कवायद शुरू हो गई है।
वित्तीय और भौतिक प्रगति की देनी होगी जानकारी
मुख्यमंत्री कार्यालय ने सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों और प्रभारी सचिवों को पत्र जारी किया है। पत्र में कहा गया है कि प्रदेश में सरकार के गठन की प्रक्रिया गतिमान है। 10 मार्च के उपरांत गठित होने वाली सरकार के उपयोग के लिए प्रशासकीय विभागों के कामकाज से संबंधित जानकारी की आवश्यकता होगी।
सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे विभागीय योजनाओं, परियोजनाओं और क्रियाकलापों से संबंधित दो पृष्ठीय रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजेंगे। इस रिपोर्ट में उन्हें विभाग में संचालित विकास कार्यों, परियोजनाओं का विवरण, उनकी वित्तीय और भौतिक प्रगति की जानकारी देनी होगी।
इसके अलावा उन सभी महत्वपूर्ण प्रकरणों का विवरण देने को कहा गया है, जो राज्य और केंद्र सरकार के स्तर पर लंबित हैं। वहीं, इन कार्यों को समयबद्ध ढंग से पूरा करने के लिए किए गए सुधार से संबंधित एजेंडे की जानकारी भी देनी होगी। विभागों से कहा गया है कि इससे हटकर यदि वे कोई और महत्वपूर्ण जानकारी देना चाहते हैं तो वह भी दे सकते हैं। अपर मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री) आनंद बर्द्धन की ओर से जारी आदेश में सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपनी रिपोर्ट जल्द से जल्द नियोजन विभाग व अपर सचिव मुख्यमंत्री सोनिका को उपलब्ध कराएंगे।
राजनीतिक दल भी जुटे होम वर्क में
शासन से इतर भाजपा और कांग्रेस भी सरकार बनाने की संभावना को लेकर होमवर्क में जुटे हैं। सूत्रों का कहना है कि दोनों ही दलों के वरिष्ठ नेता उन प्रत्याशियों से संपर्क साधने की कोशिश कर रहे हैं, जिन्होंने चुनाव में तगड़ी चुनौती पेश की है। सियासी हलकों में कुछ प्रत्याशियों की जीत की संभावनाओं को लेकर भी खूब चर्चाएं हो रही हैं। दोनों ही दल पूर्ण बहुमत मिलने या न मिलने, दोनों ही संभावनाओं के आधार पर अपनी रणनीति बना रहे हैं।
दावे बेशक जीत के पर स्थिति साफ नहीं
भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल विधानसभा चुनाव में 40 से अधिक सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं, लेकिन राजनीतिक समीक्षकों का मानना है कि मतदाताओं की खामोशी को देखते हुए यह कहना अभी बहुत जल्दबाजी है। वे चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर मान रहे हैं और ऐसी स्थिति में निर्दलीय या अन्य दलों के मजबूत चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की अहम भूमिका हो सकती है।
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