भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से शनिवार को 288 युवा अफसर देश की सेना की मुख्यधारा में जुड़ जाएंगे। साथ ही अलग-अलग आठ मित्र देशों के 89 कैडेट्स भी अकादमी से पास आउट हो जाएंगे।Φ
शनिवार को पासिंग आउट परेड की दक्षिण पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह सलामी लेंगे।
पासिंग आउट परेड के मुख्य अतिथि शुक्रवार को अकादमी में पहुंच गए। परेड से पूर्व परिसर में सेना और बाहर पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। अकादमी के ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर परेड सुबह छह बजे से शुरू होगी। परेड के बाद आयोजित होने वाली पीपिंग व ओथ सेरेमनी के बाद पासिंग आउट बैच के 377 जेंटलमैन कैडेट्स बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश की सेना की मुख्यधारा में शामिल हो जाएंगे। इनमें 288 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थलसेना को मिलेंगे।
89 युवा सैन्य अधिकारी आठ मित्र देशों अफगानिस्तान, भूटान, किर्गिस्तान, मालद्वीव, नेपाल, श्रीलंका, तजाकिस्तान व तंजानिया की सेना के अभिन्न अंग बनेंगे। इसके बाद सैन्य अकादमी के नाम देश-विदेश की सेना को 64,145 युवा सैन्य अधिकारी देने का गौरव जुड़ जाएगा। इनमें मित्र देशों को मिले 2,813 सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं। परेड के दौरान शनिवार सुबह पांच बजे से पूर्वाह्न 11 बजे तक पंडितवाड़ी से लेकर प्रेमनगर तक जीरो जोन रहेगा। इस दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग-72 (चकराता रोड) से गुजरने वाला यातायात प्रेमनगर व बल्लूपुर से डायवर्ट रहेगा।
अफगानिस्तान के 43 कैडेट्स का यह अंतिम बैच
आईएमए में अबकी अफगानिस्तान के कैडे्टस का अंतिम बैच है। अबकी 43 कैडेट्स पास आउट हो रहे, लेकिन इनका भविष्य अधर में नजर आ रहा है। कारण है कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद अफगान राष्ट्रीय सेना का अस्तित्व समाप्त हो गया है। पिछले साल 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो गया था। पिछले साल जब तालिबानी कब्जे के दौरान अफगानिस्तान के 83 जेंटलमैन कैडेट्स आईएमए में सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे थे। इनमें से 40 कैडेट्स दिसंबर 2021 में हुई पासिंग आउट परेड के दौरान पास आउट हुए थे। शेष 43 कैडेट्स शनिवार को पास आउट हो जाएंगे।
तालिबानी सत्ता के बाद कोई भी अफगान कैडेट्स नहीं आया आईएमए
अफगानिस्तान में तालिबानी सत्ता आने के बाद कोई भी अफगान कैडेट्स सैन्य प्रशिक्षण के लिए आईएमए नहीं आया। इस लिहाज से मौजूदा परिप्रेक्ष्य में आईएमए से पास आउट होने वाला अफगान कैडेट्स का यह अंतिम बैच है। साल 2018 में भी 49 अफगान कैडेट्स अकादमी से पास आउट हुए थे। इसके बाद दिसंबर 2020 में हुई पीओपी में 41 और जून 2021 में 43 कैडेट्स पास आउट हुए थे।
सर्वोच्च बलिदान देने वालों को दी श्रद्धांजलि
जेंटलमैन कैडेट्स ने पास आउट होने से पहले देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैन्य अफसरों की जांबाजी से प्रेरणा ली। शनिवार को पीओपी में शिरकत कर पास आउट होने वाले 377 जेंटलमैन कैडेट्स ने शुक्रवार की सुबह आईएमए स्थित युद्ध स्मारक पर बलिदानी सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। युद्ध स्मारक में आईएमए से पास आउट उन 898 सैन्य अफसरों के नाम अंकित हैं, जिन्होंने देश की रक्षा करते हुए बलिदान दिया है। अकादमी के कमांडेंट ले. जनरल हरिंदर सिंह, अकादमी के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों व पासिंग आउट बैच की तरफ से एकेडमी अंडर आफिसर ने युद्ध स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर सैन्य अफसरों को नमन किया। युद्ध स्मारक का लोकार्पण 17 नवंबर 1999 को फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ ने किया था।
देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में शनिवार को 377 जेंटलमैन कैडेट्स पासिंग आउट परेड में शामिल हुए। दक्षिणी पश्चिमी कमान के जीओसी परेड में सलामी ली। इनमें से 288 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थलसेना को आज मिलेंगे। साथ ही आठ मित्र देशों के 89 कैडेट्स भी पास आउट हो रहे हैं।
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