हरीश रावत ने कहा कि वह परिवार को न्याय और आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने में वह अंकिता के परिजनों के साथ खड़े हैं.
उत्तराखंड में अंकिता भंडारी हत्याकांड (Ankita Bhadari Murder Case) के आरोपियों के खिलाफ सूबे की धामी सरकार (Dhami Government) के ताबड़तोड़ एक्शन के बावजूद अंकिता को न्याय दिलाने की मुहिम जोर पकड़ती जा रही है. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) ने इस हत्याकांड को लेकर राज्य की बीजेपी सरकार (BJP Government) को घेरा. हरीश रावत ने धामी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि आप कदम उठा रहे हैं लेकिन मजबूती से कदम उठाने पड़ेंगे क्योंकि लोगों में बहुत ज्यादा गुस्सा है.
हरीश रावत ने सरकार से पीड़ित परिवार आर्थिक सहायता और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने को लेकर तत्काल घोषणा करने को कहा. इसके अलावा उन्होंने राज्य सरकार से गांव की सड़क और किसी एक शिक्षण संस्थान का नाम अंकिता भंडारी के नाम पर किए जाने की भी मांग की. उन्होंने कहा कि यह पूरे उत्तराखंड की परीक्षा है.
अंकिता के गांव पहुंचे हरीश रावत
उत्तराखंड (Uttarakhand) के पूर्व सीएम हरीश रावत आज दोपहर अंकिता भंडारी के परिजनों से मिलने उनके गांव पहुंचे थे. और उसके परिजनों से मिलकर उनका दुख बांटा. हरीश रावत ने कहा कि वह परिवार को न्याय और आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने में वह अंकिता के परिजनों के साथ खड़े हैं. इस दौरान अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी ने भी ग्रामीणों की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि मामले को फास्ट ट्रैक अदालत में चलाकर दोषियों को फांसी की सजा दिलवाई जाए.
सबूत मिटाने को लेकर साजिश
इस मौके पर हरीश रावत ने कहा कि इस बात की भी प्रमुखता से जांच होनी चाहिए कि आखिर वह कौन सफेदपोश था जिसके लिए अंकिता पर दबाव बनाया जा रहा था. उन्होंने घटना से बड़े सफेदपोश लोगों के जुड़े होने की आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं होता तो रातों-रात आनन-फानन में उस रिजॉर्ट को तोड़कर सबूत मिटाने का काम नहीं किया जाता.
पौड़ी जिले के यमकेश्वर में गंगा भोगपुर स्थित वनतारा रिजॉर्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट काम करने वाली 19 वर्षीय अंकिता की कथित तौर पर रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों के साथ मिलकर ऋषिकेश की चीला नहर में फेंककर हत्या कर दी थी.
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