जनरल बिपिन रावत के बाद लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेनि.) देश के दूसरे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानी सीडीएस नियुक्त किए गए हैं। वह मूलरूप से पौड़ी जिले के खिर्सू ब्लॉक के देवलगढ़ गवाणा के निवासी हैं। वर्तमान में वह दिल्ली में रहकर नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल (एनएससी) में सैन्य सलाहकार की अहम जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
उत्तराखंड के राज्यपाल ले.ज. गुरमीत सिंह (सेनि) ने नव नियुक्त सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेनि) को बधाई दी है। राज्यपाल ने कहा कि यह खुशी की बात है कि उत्तराखंड राज्य से ही देश को दूसरे सीडीएस मिले हैं।
उन्होंने कहा कि वह सेना के दिनों से नवनियुक्त सीडीएस से भली भांति परिचित हैं। वह अत्यंत योग्य एवं कार्यकुशल सैन्य अधिकारी रहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल चौहान ने उनके साथ कई ऑपरेशनल चुनौतियों और आतंकवाद विरोधी अभियानों में काम किया है।
उल्लेखनीय है कि राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह जब सेना में कश्मीर में कोर कमांडर थे, उस समय ले.ज. चौहान बारामूला में जीओसी के पद पर तैनात थे। वहीं, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने भी नव नियुक्त सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेनि) को बधाई दी है।
स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत के बाद अनिल चौहान दूसरे उत्तराखंडी हैं जो सशस्त्र सेनाओं के शीर्ष ओहदे पर पहुंचे हैं। इससे पहले तत्कालीन थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत जनवरी 2020 को देश के पहले सीडीएस नियुक्त हुए थे। लेकिन, पिछले साल आठ दिसंबर 2022 को हेलीकॉप्टर क्रैश में उनका निधन हो गया था। जनरल रावत के निधन के बाद सीडीएस का पद करीब दस माह तक खाली रहा। अब केंद्र सरकार ने सेना के इस शीर्ष ओहदे पर एक और उत्तराखंडी ले. जनरल अनिल चौहान को नियुक्त किया है।
जनरल चौहान खड़कवासला महाराष्ट्र स्थित एनडीए के बाद देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी से प्री मिलिट्री ट्रेनिंग पूरी कर वर्ष 1981 को पासआउट होकर 11 गोरखा राइफल्स में कमीशंड थे। इसके बाद वह सेना के कई अहम पदों पर तैनात रहे। वर्तमान में लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान रिटायरमेंट के बाद नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में सैन्य सलाहकार की अहम जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
वह सेना के पूर्वी कमान के कमांडर रहे। चीन को देखते हुए देश की पूर्वी कमान का काम काफी अहम होता है। लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान इससे पहले महानिदेशक सैन्य अभियान की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। पिछले साल डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन (डीजीएमओ) पद से सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में सैन्य सलाहकार की अहम जिम्मेदारी मिली थी।
बताया जाता है कि पूर्वी कमान के प्रमुख रहने के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान की निगरानी में उत्तरी सीमाओं पर मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए नवगठित 17 कोर में इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप की अवधारणा को आकार दिया जाना शुरू हुआ। सराहनीय सैन्य सेवा के लिए उन्हें उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, सेना मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल से भी अलंकृत किया जा चुका है। अब उन्हें देश का दूसरा सीडीएस नियुक्त किया गया है। इससे पूरे राज्य में खुशी की लहर है।
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