उत्तराखंड की यह लड़की साइक्लिंग से दे रही महीला सशक्तिकरण का संदेश, उच्चस्तरीय पहाड़ी दर्रों को कर चुकी हैं पार।

उत्तराखंड सोशल मीडिया वायरल

बाबा केदार नाथ धाम की पगडंडियों में साइकिल चलाते हुए लड़की को, आते जाते यात्री रह गए देखते।

आज हर किसी के पास कोई ना कोई टैलेंट छुपा होता है, जिसे कई लोग सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए लोगों तक पहुंचाते हैं, अब ठीक ऐसा ही देहरादून चंद्रबदनी एनक्लेव मे रहने वाली लड़की के बाबा केदार नाथ धाम में साइकिल के साथ फोटो सोशियल मीडिया में वायरल हो रहा है, वो भी साइकिल के साथ आप इस वायरल फोटो में आप देख सकते है, कि लड़की कैसे केदारनाथ मे साइकिल के साथ नज़र आ रही है. हर कोई लड़की के साहस और इस टैलेंट की तारीफ कर रहा है,


रेखा रतूड़ी देहरादून के चंद्रबदनी में योगा सिखाती हैं. रेखा रतूड़ी ने देहरादून अपने निवास स्थान से केदार नाथ,और केदार नाथ से देहरादून तक करीब 600 किलोमीटर की यात्रा साइकिल से की. रेखा रतूड़ी का हौसला देखकर लोग उन्हें सोशियल मीडिया पर भी शाबाशी देते हुए उनका हौसला बढ़ा रहे हैं. रेखा रतूड़ी कहती हैं कि उन्हें साइकिल चलाना बेहद पसंद है. वह हर रोज अपने दोस्तों के साथ 10 से 20 किलोमीटर तक साइकिल चलाती हैं. और जब वो
बाबा केदार नाथ की कृपा से देहरादून से केदार नाथ, तथा केदार नाथ से देहरादून की साइकल यात्रा को एक बेहतरीन अनुभव के साथ पूर्ण हुई,

यात्रा काफी रोमांच भरी रही जिसमे 3 दिन का समय जाने में तथा 2 दिन का समय आने में लगा,
जाने में थोड़ा समय लगा और थकान भी परंतु जब बाबा के धाम पहुँचे तो रास्ते भर की थकान पल भर उनके दर्शन करने से दूर हो गयी
आज एक ख्वाइश पूरी हो गयी।

अभी तो असली मंजिल पाना बाकी है, अभी तो इरादों का इम्तिहान बाकी है, अभी तो तोली है मुट्ठी भर जमीन, अभी तोलना आसमान बाकी है. इन पंक्तियों को अपनी जिंदगी में उतारने वालीं महज 32 साल की रेखा ने बेहद कम उम्र में अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं. रेखा रतूडी देवभूमि उत्तराखंड में वो अकेली लड़की है जो बाबा केदारनाथ में सन 2013 में आई दैवीय आपदा के बाद 600 किलोमीटर की यात्रा पाँच दिन में साइकिल से की है 13 अक्टूबर 18 अक्टूबर 2022 तक।

साइकिल यात्रा के दौरान योग का प्रचार करती हैं
रेखा ने बताया कि वे योग का प्रचार-प्रसार करती हैं, रेखा यात्रा के दौरान लोगों को योग का महत्व बताती हैं। उनका कहना है कि योग हमारे हिंदुस्तान की विरासत है। भगवान भोलेनाथ ने योग का रहस्य माता पार्वती को बताया और ऋषि-मुनियों से यह हमारे समाज में आया था। योग केवल हिन्दू धर्म के लिए नहीं है, सभी जाति-धर्म के लोग इसको अपनाए, स्वस्थ्य रहें। इसको लेकर वे प्रचार प्रसार भी कर रही हैं।

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