जोशीमठ जैसी आपदाओं (Joshimath Sinking) की अब पहले ही जानकारी मिल जाएगी।

उत्तराखंड

जोशीमठ जैसी आपदाओं (Joshimath Sinking) की अब पहले ही जानकारी मिल जाएगी। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO) ने अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) के साथ मिलकर एक खास सैटेलाइट विकसित की है।

अगले साल इसरो करेगा लॉन्च

इस सैटेलाइट को भारत लाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। सैटेलाइट और उसके पेलोड्स की कई बार टेस्टिंग हो चुकी है। इसरो इसे अगले साल लॉन्च करेगा। इससे पहले इसमें कुछ जरूरी बदलाव किए जाने हैं। इसे इसरो के सबसे शक्तिशाली जीएसएलवी-एमके2 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। निसार सैटेलाइट को दुनिया की सबसे महंगा अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट बताया जा रहा है।

सैटेलाइट के क्या होगा फायदा

यह सैटेलाइट बवंडर, तूफान, ज्वालामुखी, भूकंप, ग्लेशियरों के पिघलने, समुद्री तूफान, जंगली आग, समुद्रों के जलस्तर में बढ़ोतरी, खेती, गीली धरती, बर्फ का कम होगा आदि की पहले ही जानकारी दे देगा। धरती के चारों ओर जमा हो रहे कचरे और धरती की ओर अंतरिक्ष से आने वाले खतरों की भी जानकारी मिलेगी। इतना ही नहीं ये सैटेलाइट धरती पर पेड़ पौधों की घटती-बढ़ती संख्या पर नजर रखेंगे। निसार से प्रकाश की कमी और इसमें बढ़ोतरी की भी जानकारी मिलेगी।

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