उत्तराखंडे स्वागतमा….उत्तराखंडमम अपानुम स्वागत छे….। चारधाम यात्रा के दौरान मित्र पुलिस के जवान कुछ इस तरह से दूसरे राज्यों के पर्यटकों का स्वागत उनकी भाषा में करेंगे। बोलचाल और उनसे संवाद में कोई दिक्कत न हो इसके लिए पर्यटन पुलिस को कई भारतीय राज्यों की भाषा सिखाई जाएगी।
इसमें प्रमुख तौर पर गुजराती, बंगाली और कुछ दक्षिण भारतीय राज्यों की भाषा को शामिल किया जा रहा है।
बता दें कि पिछले साल चारधाम यात्रा के लिए पुलिस के जवानों को पर्यटन पुलिस की ट्रेनिंग दी गई थी। उन्हें बताया गया था कि वे किस तरह से पर्यटकों से व्यवहार और उनकी मदद करें। पर्यटकों से शालीनता से पेश आएं। ताकि, किसी को कोई दिक्कत न हो। लेकिन, दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों में बहुत से ऐसे होते हैं जिन्हें हिंदी नहीं आती है। ऐसे में पुलिस उनसे संवाद नहीं कर पाती है।
एडीजी कानून व्यवस्था वी मुरुगेशन ने बताया कि पुलिसकर्मी गुजरात, बंगाल और दक्षिण भारतीय राज्यों के लोगों के साथ बात करने में असहज होते हैं। इसके लिए अब पर्यटन पुलिस में शामिल जवानों को इन राज्यों की भाषा सिखाई जाएगी। ताकि, बातचीत में कोई परेशानी न हो।
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इस बार 100 पुलिसकर्मियों को दी जाएगी ट्रेनिंग
पिछले साल पुलिस लाइन देहरादून में 70 पुलिसकर्मियों को पर्यटन पुलिस की ट्रेनिंग दी गई थी। इस बार इनकी संख्या बढ़ाकर 100 की जा रही है। इन्हें मार्च में तीन से चार दिन की पुलिस लाइन में ही ट्रेनिंग दी जानी है।
एयर होस्टेज बताएंगी कैसे करें पर्यटकों से बात
एडीजी वी मुरुगेशन ने बताया कि पुलिस की बातचीत का तरीका कुछ अलग होता है। उन्हें कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए तमाम बातें आम बोलचाल से भी अलग बोलनी पड़ती हैं। ऐसे में उनके व्यवहार में बदलाव के लिए इस बार विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। पुलिस लाइन में आयोजित होने वाले ट्रेनिंग सत्र में एक दिन एयर होस्टेज से ट्रेनिंग दिलाने का भी रखा जाएगा। पुलिसकर्मियों को एयर होस्टेज बताएंगी कि पर्यटकों से कैसे बात करें।