ऋषिकेश, 15 मार्च। मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में हुए महापौर काउंसिलिंग ऑफ इंडिया के सम्मेलन में शिरकत कर लौटीं ऋषिकेश की महापौर ने बताया कि सम्मेलन बेहद सफल रहा। इसमें खासतौर पर 74वें संविधान संशोधन को संशोधित करने की मांग प्रखर रूप से की गई।
महापौर अनिता ममगांई ने जानकारी दी कि इसमें नगर निगमों के अधीन बिजली, पानी, सीवर, पीडब्ल्यूडी, एमडीडीए सहित अन्य विभाग देने के लिए 74वें संविधान संशाेधन को संशोधित करने की मांग जोरदार तरीके से उठाई गई। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में 74वां संविधान लागू है जिसकी वजह से वहां तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं जबकि अन्य राज्यों में निगमों को विभागीय पेंचों से जूझना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि 74वें संविधान संशोधन में कुछ ऐसे बिन्दु हैं जो हिमालयी राज्यों में लागू नहीं हो सकते हैं। इसके कारण इनमें विकास कार्य प्रभावी रूप से नहीं हो पाते हैं। इसलिए पहाड़ी राज्याें में इस 74वें संविधान संशोधन में कुछ और संशोधन की आवश्यकता है ताकि इसका फायदा हिमालयी राज्यों को मिल सके और यहां की निकाय भी जनता की सुविधाओं में बढ़ोतरी कर सकें।
उन्होंने कहा कि जनता को निगम से उनके तमाम कार्यों को लेकर उम्मीद रहती है, लेकिन विभागीय पेंचों में फंसकर एन.ओ.सी. ना मिलने की वजह से कई मर्तबा महत्वपूर्ण कार्य फाईलों में ही झूलते रहते हैं।महापौर के मुताबिक राष्ट्रीय सम्मेलन में निकायों के अधिकारियों का अलग कैडर बनाने की मांग भी प्रमुखता से उठी।
महापौर ममगांई ने बताया कि अधिकारी नगरीय निकायों में रहकर प्रशिक्षण लेते हैं। काम करते हैं और दूसरे विभागों में चले जाते हैं। आइएएस, आइएफएस की तरह नगरीय निकायों के अधिकारियों का भी अलग कैडर होना चाहिए। इस कैडर के अधिकारियों का एक नगरीय निकाय से दूसरे निकाय में स्थानांतरण होना चाहिए, ताकि अपने अनुभवों से वे नगरीय निकायों की व्यवस्था को बेहतर से बेहतर कर सकें। इसके लिए अखिल भारतीय महापौर परिषद के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी आग्रह किया गया है।