उत्तराखंड वीर सपूतों की भूमि है . उत्तराखंड देश को बहादुर सैन्य अधिकारी और जवान देने के लिए जाना जाता है,। यहाँ से बहरतीये सेना के कई ऐसे शूर वीर सैनिक हुए हैं जिन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए देश के लिए अपने प्राण न्योछवर कर दिए हैं ।
इन वीर सेनानियों को अब उत्तराखंड सरकार की तरफ से रोडवेज बस में मुफ्त सफर करने का तोहफा दिया गया है । अब यहां वीरता पुरस्कार प्राप्त भारतीय सैनिक और वीर नारियां /युद्ध विधवाएं बस मार्गों पर मुफ्त यात्रा कर सकेंगी।
सरकार की ओर से एक आदेश जारी किया गया है, जिसमें अब से परिवहन निगम की बसों में मुफ्त यात्रा की अनुमति दी गई है. यह लाभ उत्तराखंड में उपलब्ध है, जहां 1727 सैनिकों और पूर्व सैनिकों तथा 1130 बहादुर महिलाओं को वीरता पुरस्कार मिल चुका है।
सचिव के आदेशानुसार सैनिक कल्याण विभाग की ओर से किये गये व्यय की प्रतिपूर्ति परिवहन निगम द्वारा की जायेगी।सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास विभाग के निदेशक को बताया गया कि सरकार को अपने आगामी बजट विचार-विमर्श में शामिल करने के लिए एक प्रस्ताव तैयार करना चाहिए।
बताया गया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले वर्ष विजय दिवस के अवसर पर वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों और वीर महिलाओं को निःशुल्क यात्रा उपहार देने की घोषणा की थी.
इसके बाद मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप कैबिनेट ने इस पर फैसला लिया था. हम आपको बता रहे हैं कि राज्य में 1727 सैनिकों और पूर्व सैनिकों को महावीर चक्र, वीर चक्र, कीर्ति चक्र, शौर्य चक्र और सेना पदक जैसे विभिन्न वीरता पुरस्कार मिल चुके हैं.
पिथौरागढ़ जिले में, वीर नारियों (युद्ध के वीरों की विधवाओं) की एक बड़ी संख्या है। इनमें से 185 देश के लिए शहीद होने वाले जवान, 17 अधिकारी और एक शहीद सेना अधिकारी की पत्नी हैं.इसके अलावा उत्तरकाशी में दस वीर नारी हैं। वे अब सभी रोडवेज बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।