भगवान शिव ने देवी पार्वती से गरूर गंगा और गोमती के संगम स्थान पर शादी की थी, और उसी स्थान पर आज बैजनाथ मंदिर स्थित है। यह ऐतिहासिक मंदिर उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के गरुड़ में 9 वी 10 वी शताब्दी में स्थापित हुआ था
मान्यता है कि इस मंदिर के अंदर मौजूद शिव लिंगों का निर्माण स्वयं और प्राकृतिक रूप से पृथ्वी से हुआ है। मंदिर के अंदर विराजमान मूर्ति बहुत सुंदर है क्योंकि इसे एक काले पत्थर पर उकेरा गया है और साथ ही उसी तरह के पत्थर का उपयोग करके 32 अन्य देवताओं की नक्काशी की गई है।
बैजनाथ मंदिर को प्राचीन समय में कार्तिकेयपुर के नाम से जाना जाता था। सर्वप्रथम इस शहर को कत्यूरी राजा नरसिंह देव ने आपनी राजधानी बनाया था। तब से यह शहर कत्यूरी राजवंश की राजधानी बना रहा। इन लोगों ने 7 वीं से 13 वीं शताब्दी के दौरान यहाँ शासन किया था, उसी समय इन लोगों ने इस मंदिर का पुनर्निर्माण किया था।
इस मंदिर परिसर में कई शिलालेख जो कि 1202 ईस्वी पूर्व के हैं। जिनमे कत्यूरी वंश के शासन के प्रमाण मिलते है। बाद में कत्यूरी साम्राज्य के अंतिम राजा बिरदेव सिंह की मृत्यु के बाद 13वीं शताब्दी में यह राज्य विघटित हो गया था, जिसके बाद 8 और रियासतों का जन्म हुआ।
कत्यूरी वंश के समाप्त होने के बाद चंद राजवंश के लोगों ने इस मंदिर की देख भाल की, और इसकी विरासत को संभाल कार रखा। अगर आप इस मंदिर में आओगे तो मुख्य मंदिर के एक शिकरा को टूटा हुआ पाओगे, जो इस मंदिर में हुई लूट का प्रमाण है!
वरिष्ठ पत्रकार आकाश नगर जी की फेसबुक वाल से