उत्तरकाशी के मोरी में उसके शानदार गेस्ट हाउस समेत कई संपत्तियों पर बुलडोजर चला दिया गया है। कुल मिलाकर, उसकी करीब छह करोड़ की संपत्ति को जब्त कर लिया गया है।
नौकरियों के व्यापारी के रूप में जाने जाने वाले हाकम सिंह को पुलिस ने केवल 13 महीने के भीतर ही सलाखों के पीछे रोक लिया है, लेकिन इस दौरान उसकी संपत्ति को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है। उत्तरकाशी के मोरी में उसके आलीशान गेस्ट हाउस समेत कई संपत्तियों पर बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया है। इसके परिणामस्वरूप, उसकी करीब 6 करोड़ की संपत्ति को जब्त कर लिया गया है।
परीक्षा धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने शुरू से ही जांच करने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस को आरोपियों की जमानत के मुद्दे का सामना करना पड़ा। इसका कारण ये था कि सभी मामले पुराने थे और जब जांच शुरू हुई, तो सभी साक्ष्य लगभग नष्ट हो चुके थे। कई मुख्य आरोपियों से तो केस से संबंधित कुछ भी रिकवरी नहीं हो पाई। हाकम सिंह भी एक ऐसे ही आरोपी थे। उनके पास भी परीक्षा में लेनदेन में कोई बड़ी रिकवरी नहीं हुई थी। उन्होंने एक बहुत ही चालाक तरीके से इन सभी धोखाधड़ी को कारगर बनाया था।
केवल आरोपियों से पूछताछ और कुछ कड़ियां जोड़ने वाले साक्ष्य ही इन आरोपियों को अब तक जेल में रखने का मजबूत आधार बने थे। इन्हीं साक्ष्यों के बल पर पुलिस ने हाकम को 13 महीने जेल में रखवाया। अब चार्जशीट दाखिल होने के एक दिन बाद ही उसे गैंगस्टर एक्ट में भी जमानत मिल गई। लेकिन, पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के प्रावधानों के तहत उसकी संपत्तियों को जरूर ग्रिफ्त किया।
इन पैसों से उसने जो आलीशान गेस्ट हाउस बनाया था वह भी पुलिस ने नष्ट कर दिया। यही गेस्ट हाउस उसकी इन गलियों में की गई धांधलियों का केंद्र बन चुका था। इसे लेकर वह कई बड़ी चर्चाओं में भी शामिल था।
विजिलेंस ने कार्रवाई करने की कोशिश की,
लेकिन हाकम के खिलाफ तीन मुकदमों में से एक में ही कार्रवाई नहीं हुई। माना जा रहा है कि अगर विजिलेंस दरोगा भर्ती के मामले में आरोपियों की रिमांड की मांग करती, तो शायद हाकम को और लंबे समय तक जेल में रखा जा सकता। अब हाकम के खिलाफ आरएमएस कंपनी के मालिक समेत छह और आरोपी जमानत का इंतजार कर रहे हैं।