बाल श्रम से मुक्त बच्चों के लिए अभियान: तहसील स्तर पर आधार कार्ड, राशन कार्ड, और आयुष्मान कार्ड बनाने के निर्देश।

उत्तराखंड स्वास्थ्य

अपर मुख्य सचिव ने बच्चों के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए, जिसके अंतर्गत उन्होंने तहसील स्तर पर आधार कार्ड, राशन कार्ड और आयुष्मान कार्ड (Ayushman Card) बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विशेषकर खनन क्षेत्र में काम करने वाले बच्चों की शिक्षा के लिए मोबाइल स्कूलों की व्यवस्था को प्रभावी बनाने की सलाह दी है और बाल विवाह रोकने के लिए कक्षा आठ के बाद स्कूल ड्रॉपआउट करने वाली बालिकाओं के आंकड़े जुटाने के लिए भी निर्देश दिए हैं।

मंगलवार को सचिवालय में हुई एक बैठक में, राज्य में बाल श्रम को रोकने और अनाथ बच्चों के कल्याण, उनकी अच्छी शिक्षा और परवरिश के लिए, विभिन्न जिलों में जिलाधिकारियों के संचालन में एक अंब्रेला कमेटी बनाने के निर्देश दिए गए। इस कमेटी का उद्देश्य बाल श्रम को रोकने और बच्चों के कल्याण को बढ़ावा देना है।

उन्होंने जिलाधिकारियों से अनिराश्रित और बाल श्रम से मुक्त हुए बच्चों के पुनर्वास के दौरान उनकी प्रगति का सतत अनुशासन किया जाने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी जिलों में ऑपरेशन मुक्ति के अंतर्गत मुक्त हुए बच्चों के डेटा को निर्धारित प्रारूप में सीआईएसएस पोर्टल पर अपलोड करने के भी निर्देश दिए।

उन्होंने देहरादून क्षेत्र में विशेषकर बाल भिक्षावृत्ति और बच्चों के ड्रग्स के प्रयोग को रोकने के लिए ज्वाइंट टास्क फोर्स का गठन किया जाने की सलाह दी है। जिलों में बाल विवाह (child marriage) को रोकने के साथ ही बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कोष के माध्यम से बालिकाओं की शिक्षा और अच्छी परवरिश को प्रोत्साहित किया जाएगा।

बाल श्रम के 133 मामले और बाल विवाह के 22 मामले रिपोर्टेड हुए हैं। राज्य में जेजे एक्ट को प्रभावी रूप से लागू करने की आवश्यकता है। इस बैठक में अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती, (Nivedita Kukreti ) डीआइजी पी रेणुका देवी, (DIG P Renuka Devi), और सभी जिलों के जिलाधिकारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भी मौजूद थे।

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