“उत्तराखंड के दो जिलों ने शौच से मुक्त होने के कारण पूर्ण रूप से ‘ओडीएफ प्लस’ श्रेणी में प्राप्त किया। इस महत्वपूर्ण कदम के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) ने उन्हें पुरस्कार दिया। इसके साथ ही, स्वच्छता ही सेवा अभियान में देहरादून और टिहरी के बढ़-चढ़कर प्रतिभाग करने के लिए उन्हें भी पुरस्कृत किया गया।
प्रदेश में अभी तक 45 प्रतिशत गांव ‘ओडीएफ प्लस’ श्रेणी में शामिल हैं। ‘स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)’ के तहत हरिद्वार जिले में 482 गांव ‘ओडीएफ प्लस’ श्रेणी में आ गए हैं। यहाँ, कुल 473 गांवों को ‘ओडीएफ प्लस मॉडल श्रेणी’ में लाया गया है। भगवानपुर विकासखंड के रुड़की में 75 गांवों को ‘ओडीएफ प्लस मॉडल श्रेणी’ में शामिल किया गया है, और इस आधार पर हरिद्वार को प्रदेश में पहला पुरस्कार दिया गया।
टिहरी के 176 गांवों में से 1754 गांव को ‘ओडीएफ प्लस’ की श्रेणियों (Categories of ‘ODF Plus’) में लाया गया है। टिहरी के छह विकासखंडों को ‘ओडीएफ’ की श्रेणियों (एस्पाइरिंग, राइजिंग, मॉडल) (Aspiring, Rising, Model) में शामिल किया गया है। सिर्फ दो महीनों में 1500 से अधिक गांवों को ‘ओडीएफ प्लस’ श्रेणी में लाने के कारण टिहरी को प्रदेश में दूसरा पुरस्कार दिया गया है।
दूसरी ओर, हाल ही में आयोजित स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत देहरादून में 510 गतिविधियों में 7,54,753 आबादी से सापेक्ष 3,14,644 लोगों ने कुल 1488 घंटे तक स्वच्छता के लिए श्रमदान किया, जिसके लिए जिले को पहला पुरस्कार प्राप्त हुआ। ऊधमसिंह नगर में 107 गतिविधियों में 10,62142 आबादी से सापेक्ष 2,72,404 लोगों ने कुल 342 घंटे तक स्वच्छता के लिए श्रमदान किया, जिसके लिए दूसरा पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
क्या है ओडीएफ प्लस गांव
ऐसा गांव, जहां सभी घरों के साथ-साथ प्राथमिक विद्यालय, पंचायत घर और आंगनबाड़ी केंद्र में शौचालय की सुविधा हो। खुले में शौच पर पूर्ण पाबंदी हो और ग्राम पंचायत में कम से कम एक सामुदायिक शौचालय हो। स्कूल-आंगनबाड़ी केंद्र पर छात्र और छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय उपलब्ध हो।