सिलक्यारा सुरंग निर्माण करने वाली कंपनी ने सभी फंसे हुए मजदूरों को दो-दो लाख रुपये देने की एलान किया है। साथ ही, बचाव अभियान में शामिल सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को दो-दो महीने का वेतन बोनस प्रदान किया जाएगा। सभी मजदूर वर्तमान में ऋषिकेश एम्स में नौकरी कर रहे हैं।
(Governor Lt. Gurmeet Singh) राज्यपाल ले.ज. गुरमीत सिंह ने ऋषिकेश एम्स में फंसे 41 मजदूरों के हालचाल जानने के लिए पहुंचे। उन्होंने बताया कि ये मजदूर सुरंग में फंसे थे और उन्हें निकालने की प्रक्रिया सफल रही है। उन्होंने मुश्किल घड़ी में एक साथ रहने का सिख दिया है और एम्स परिसर में बसों का इस्तेमाल करके मजदूरों को उनके घर पहुंचाने का इंतजाम किया है।
17 दिनों तक सिलिकोसिस सुरंग में जीवन बिताने वाले मजदूरों के हौसले फिर भी अच्छे हैं। उनका कहना है कि सुरंग निर्माण के दौरान इस तरह की घटना सामान्य होती है, हालांकि इस बार मलबा ज्यादा गिर गया था। मजदूरों ने छुट्टी के बाद फिर काम पर लौटने का संकल्प लिया है, लेकिन कुछ मजदूरों के परिजन वेतन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
उत्तरकाशी की सिलिकोसिस टनल से श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के बाद देहरादून स्थित सीएम आवास में ईगास, यानी बूढ़ी दीपावली का उत्सव मनाया गया। वैसे तो उत्तराखंड में दिवाली के 11वें दिन, एकादशी को ईगास (Egas of Ekadashi) मनाने का रिवाज है, लेकिन मजदूरों के सुरंग में फंसे होने के चलते सीएम धामी ने आवास पर आयोजित कार्यक्रम स्थगित कर दिया था।
वहीं, जब मजदूर सुरक्षित वापस आए हैं तो उन्होंने बुधवार को ही उत्सव मनाया। सीएम धामी भैलो खेलकर लोकगीतों पर जमकर थिरके। इस अवसर पर सीएम आवास में श्रमिकों के परिजन भी मौजूद थे। सीएम ने इन सभी का माल्यार्पण कर और शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया। कार्यक्रम में सांस्कृतिक दलों द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियां दी गईं।