सिलक्यारा चुनौती के बाद, उत्तराखंड मंत्रिमंडल में चार खाली मंत्रियों पद भरने की तैयारी

उत्तराखंड राजनीति

(Chief Minister Pushkar Singh Dhami) मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को नई दिल्ली में अपना दौरा किया। इस यात्रा को इन दोनों संभावनाओं के साथ जोड़कर देखा जा रहा है।

लोकसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड मंत्रिमंडल (Uttarakhand Cabinet) में चार खाली मंत्रियों के पद भरे जा सकते हैं। ऑपरेशन सिलक्यारा (Operation Silkyara) की चुनौती से निपटने के बाद सियासी हलकों में इसकी चर्चा तेज हो गई है। कुछ और भाजपा नेताओं को इसी महीने दायित्व दिए जाने की संभावना है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को नई दिल्ली का सफर किया। इस यात्रा के दौरान उन्होंने निवेशक सम्मेलन (investor conference) में भाग लेने का निमंत्रण प्राप्त किया है। सूत्रों के अनुसार, इस दौरे में उन्हें कैबिनेट विस्तार और अन्य दायित्वों की चर्चा करने का भी संभावना है। यहाँ तक ​​कि वे राष्ट्रीय नेताओं से मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं, जैसे कि सीएम राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, (CM National President JP Nadda) बीएल संतोष, और दुष्यंत गौतम।

उधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने स्पष्ट किया है कि कैबिनेट विस्तार और दायित्व आवंटन की संभावना से इंकार नहीं किया जाएगा। हालांकि, उन्होंने बताया कि इन फैसलों को लेने का विशेषाधिकार मुख्यमंत्री को है। हाल ही में इन दोनों मुद्दों पर चर्चा हुई है और पार्टी की इच्छा है कि लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश मंत्रिमंडल में खाली पदों को भरा जाए। इसमें एक कारण यह भी है कि सरकार में एक मंत्री को कुमाऊं की एक लोकसभा सीट से चुनाव में प्रत्याशी बनाए जाने की संभावना है।

अब तक, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश सरकार में विभिन्न बोर्डों, निगमों, और आयोगों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, और सदस्यों के खाली पदों पर कई पार्टी नेताओं को ताजपोशी कर दी है। अब तक, दो दायित्वों की दो सूचियां जारी की गई हैं, और प्रदेश अध्यक्ष ने पहले ही दायित्व की चार सूचियां जारी करने के संकेत दिए हैं।

सिलक्यारा संकट से उबरने के बाद, भाजपा नेताओं की नजरें अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर हैं कि कैसे दायित्व मिलने की राह देख रहे हैं। प्रदेश सरकार के निगमों, बोर्डों, और कुछ आयोगों में अध्यक्षों, उपाध्यक्षों, और सदस्यों के पद अभी भी खाली हैं और इन पदों पर कई पार्टी नेताएं दृष्टि डाल रही हैं। इसके लिए, वे मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों, सांसदों तक के साथ संपर्क में हैं।

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