देश भर में 52 शक्तिपीठों में से एक, कनखल में स्थित सती कुंड, जहां माता सती ने पिता दक्ष की यज्ञ में आहूति दी थी, आज भी बदहाल है। मुख्यमंत्री ने गंगा तट से इस शक्तिपीठ और आसपास के क्षेत्र के सौंदर्यीकरण की घोषणा की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैबिनेट की बैठक के बाद पूरे दिन हरिद्वार की धर्म नगरी में बिताया। उन्होंने धर्मनगरी को बहुत कुछ दिया। गंगा आरती के दौरान, उन्होंने हरकी पैड़ी पर राजा भागीरथी की तपस्या और मां गंगा के अवतरण को प्रकाश और प्रदर्शन के माध्यम से दिखाने की घोषणा की।
वहीं, उन्होंने कनखल की सतीकुंड को विश्व पटल पर पहचान दिलाने के लिए सौंदर्यीकरण की घोषणा भी की। याद रखें कि देश भर में 52 शक्तिपीठों में से एक, कनखल में स्थित सती कुंड, जहां माता सती ने पिता दक्ष की यज्ञ में आहूति दी थी, आज भी बदहाल है। मुख्यमंत्री ने गंगा तट से इस शक्तिपीठ और आसपास के क्षेत्र के सौंदर्यीकरण की घोषणा की।
CM ने कहा कि लाइट एंड शो के जरिए पूरे वर्ष गंगा के अवतरण को देखेंगे, जो हर की पौड़ी पर मां गंगा की आरती में दिखाई देगा। इससे आने वाली पीढ़ी को मां गंगा का महत्व और उनके अवतरण में मनीषियों के तप का भी पता चलेगा।
लेजर शो पर भी विचार करेंगे
यही नहीं, उन्होंने सती कुंड का विकास और सौंदर्यीकरण इस तरह करने की योजना भी बताई जो 52 शक्तिपीठों को भी दिखा सके। यही नहीं, 52 शक्तिपीठों का इतिहास और उनका सटीक इतिहास भी जानना चाहिए। CM धामी ने कहा कि वह जल्द ही हरिद्वार की हर की पौड़ी पर आरती के समय वाटर लेजर शो पर विचार करेंगे।
हरकी पैड़ी के प्रत्येक ब्रिज पर लाइटिंग सिस्टम लगाने के निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरकी पैड़ी स्थित घाटों के ब्रिज के सौंदर्यीकरण के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी धीराज सिंह गब्र्याल की ओर से बनाए गए हरकी पैड़ी क्षेत्र के चहुंमुखी विकास और सौंदर्यीकरण को पूर्व में ही स्वीकृति दे दी गई है। इसी क्रम में उन्होंने ब्रिजों पर लाइटिंग सिस्टम कराने के निर्देश दिए। इससे धर्मनगरी हरिद्वार में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा ही इसकी अलग पहचान भी बनेगी।