प्रदेश में अभी तक वाहनों के टैक्स (tax) को संशोधित (Revised) करने के लिए कोई एक्ट नहीं बनाया गया है। मालवाहक और सवारी वाहनों का टैक्स हर साल नहीं बढ़ता।
राज्य का सवारी और मालवाहक टैक्स (freight tax) हर साल बढ़ेगा। इस प्रस्ताव को परिवहन विभाग बना रहा है। कैबिनेट में प्रस्ताव लाने की योजना है। इसके बाद राज्य में ये नए कानून लागू होंगे। सालाना करीब पांच प्रतिशत टैक्स बढ़ेगा।
प्रदेश में अभी तक वाहनों के टैक्स को संशोधित करने के लिए कोई एक्ट नहीं बनाया गया है। मालवाहक और सवारी वाहनों का टैक्स हर साल नहीं बढ़ता। टैक्स लगातार हर साल बढ़ता है, जो वाहन मालिकों और आम लोगों पर अधिक बोझ डालता है। वाहन टैक्स दरों में पिछले कई वर्षों से कोई बदलाव नहीं हुआ है।
संयुक्त परिवहन आयुक्त एसके सिंह ने कहा कि विभाग एक फार्मूला बना रहा है जो हर साल पांच प्रतिशत की टैक्स बढ़ोतरी का लक्ष्य रखता है। उन्होंने कहा कि मालवाहक वाहनों का टैक्स वजन पर निर्भर करता है और सवारी वाहनों का टैक्स उनके वजन पर निर्भर करता है, जबकि निजी वाहनों का टैक्स उनकी कीमत पर निर्भर करता है।
इसलिए, इस प्रणाली के तहत इस टैक्स को हर साल स्वत: पांच प्रतिशत बढ़ाया जाएगा। वाहन मालिकों पर भी इससे कोई बोझ नहीं पड़ेगा। यह प्रस्ताव कैबिनेट में पारित होने के बाद लागू होगा।
किराया बढ़ोतरी का फार्मूला बन रहा है
हर साल, निजी बस, रोडवेज, ऑटो, विक्रम और भारी वाहनों का मालभाड़ा संशोधन के लिए फार्मूला बनाया जाता है। राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक में पहले ये प्रस्ताव आए थे, जिसमें कुछ संशोधन की मांग की गई थी। इसका फार्मूला उप परिवहन आयुक्त राजीव मेहरा की अध्यक्षता में एक समिति बना रही है। यह प्रस्ताव राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा, जो पास होने के बाद लागू होगा।