विभाग ने काफी प्रयास किया है, लेकिन प्रधानाचार्य पद पर कोई नियुक्ति नहीं मिली है। प्रदेश के इंटरमीडिएट स्कूलों में 1,385 प्रधानाचार्य पदों में से 1,024 पिछले कुछ वर्षों से रिक्त हैं, जिससे विद्यालयों की व्यवस्था और विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित होती है। अब इन्हें भरना है।
प्रदेश के सरकारी इंटरमीडिएट स्कूलों में 692 प्रधानाचार्य पदों के लिए विभागीय भर्ती होगी। राज्य लोक सेवा आयोग ने इसके लिए एक पाठ्यक्रम बनाया है। आयोग का कहना है कि पाठ्यक्रम को मंजूरी के लिए शासन को भेजा गया है; मंजूरी मिलते ही भर्ती के लिए आवेदन मांगे जाएंगे।
प्रदेश के इंटरमीडिएट स्कूलों में 1,385 प्रधानाचार्य पदों में से 1,024 पिछले कुछ वर्षों से रिक्त हैं, जिससे विद्यालयों की व्यवस्था और विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित होती है। ज्यादातर स्कूलों में वरिष्ठ प्रवक्ता को प्रभारी प्रधानाचार्य बनाया जाता है, लेकिन विभाग के काफी प्रयास के बावजूद प्रधानाचार्य की रिक्तियों को नहीं भर पाया गया है।
इसलिए सरकार ने इन पदों को विभागीय भर्ती से भरने का फैसला किया है। शासन ने फैसला किया है कि इन स्कूलों में प्रधानाचार्यों के पन्द्रह प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाएंगे, जबकि बाकी पद विभागीय भर्ती से भरे जाएंगे।
प्रधानाचार्य का पद पहले 100% पदोन्नति का था सरकारी इंटरमीडिएट विद्यालयों में पुराने समय में, हाईस्कूल के प्रधानाचार्य पदोन्नति पाकर प्रधानाचार्य बनते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। इन पदों को अब पदोन्नति के साथ विभागीय परीक्षा से भरा जाएगा।
प्रधानाचार्य पदों को विभागीय भर्ती से भरने की प्रक्रिया चल रही है। आयोग ने इसके लिए एक पाठ्यक्रम बनाया है, जो शासन को मंजूरी के लिए भेजा गया है। विभागीय भर्ती जल्द शुरू की जाएगी।