लंबे इंतजार के बाद बुधवार को प्रदेश के चारधाम समेत ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हुई, जिससे पर्यटकों और किसानों के चेहरे खिल गए। वहाँ भी पारा गिरने से ठंड बढ़ी। दूसरी ओर, आज गुरुवार सुबह गढ़वाल और कुमाऊं के कई जिलों में बारिश होगी। उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले में भारी बर्फबारी का अलर्ट मौसम विज्ञान केंद्र ने जारी किया है।
कुमाऊं में सुबह से बारिश जारी है, जिसमें जसपुर, रुद्रपुर, खटीमा और गढ़वाल में चमोली, पौड़ी सहित कई जिलों में बारिश हो रही है। आज ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी होने से मैदानी क्षेत्रों को कोहरे से राहत मिलेगी। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि फरवरी के पहले सप्ताह में उत्तर-पश्चिमी हवाओं की गतिविधि तेज होगी, लेकिन तापमान में कोई खास गिरावट नहीं होगी। बिजली चमकने से कुछ जिलों में ओलावृष्टि होने की संभावना है।
अब मौसम करवट बदलेगा। आज कई स्थानों पर बारिश हो रही है। कल दो फरवरी को भी मौसम साफ रहेगा। तीन फरवरी की रात मौसम एक बार फिर बदल जाएगा, और चार से पांच फरवरी तक बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है।
बर्फबारी ने पहाड़ियों को सफेद कर दिया। ओलों की बारिश के बाद पहाड़ों की रानी मसूरी में भी मौसम बदल गया है। शहर में बारिश के बाद प्रचुर मात्रा में ओले गिरे। ओलावृष्टि से तापमान में भारी गिरावट हुई और मसूरी पर सफेद चादर पसर गई।
मौसम विभाग ने कहा कि फरवरी के पहले सप्ताह में भी कई बार बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है। विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश और बर्फबारी से तापमान कम होगा और मैदान से पहाड़ तक लोगों को ठंड से राहत मिलेगी।
फरवरी के पहले सप्ताह में भी 2500-3000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में एक से डेढ़ फीट तक की बर्फबारी होने की संभावना है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने कहा, जिस दिन बारिश-बर्फबारी होगी सिर्फ उसी दिन तापमान में गिरावट दर्ज होगी। मौसम साफ होने वाले दिन अधिकतम तापमान सामान्य से दो-तीन डिग्री अधिक ही रहेगा। यही वजह रही कि बुधवार को बर्फबारी होने के बावजूद मैदानी इलाकों में गलन वाली ठंड नहीं हुई। दून का अधिकतम तापमान में भी एक डिग्री गिरावट के साथ 20.4 डिग्री रिकार्ड किया गया।