यात्रियों कर्फ्यू के बीच कैसे जाए हल्द्वानी

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हल्द्वानी रेलवे स्टेशन से ट्रेन में बैठने की योजना बना रहे यात्रियों को मुश्किल हो सकता है। रेलवे स्टेशन के गेट से बनभूलपुरा क्षेत्र को जोड़ने वाली कई गलियां हैं, इसलिए मुश्किल हो सकती है।

दिल्ली, लखनऊ और देहरादून जाने वाले लोगों को अब हल्द्वानी से भी ट्रेन मिलेगी। स्थिति सामान्य होने पर रेलवे ने भी सभी ट्रेनों को हल्द्वानी रेलवे स्टेशन पर रोकने का निर्णय लिया है। रेलवे प्रशासन ने बीते शनिवार को बनभूलपुरा हिंसा के बाद लगे कर्फ्यू के कारण सभी ट्रेनों को काठगोदाम से चलाने का निर्णय लिया था, लेकिन हल्द्वानी पर ट्रेनें नहीं रोकीं।

रविवार को रेलवे प्रशासन ने हल्द्वानी रेलवे स्टेशन पर सभी ट्रेनों को रोका है। स्टेशन मास्टर चयन राय ने बताया कि अब काठगोदाम से चलने वाली सभी ट्रेनें हल्द्वानी स्टेशन पर भी रुकेंगी। यहां से लोग बैठ और उतर भी सकते हैं।

यात्रियों को कर्फ्यू के बीच कैसे जाना चाहिए?

नैनीताल रोड से रेलवे स्टेशन की ओर के क्षेत्र में कर्फ्यू लगाया गया है। रोडवेज बस अड्डे से रेलवे मार्केट की ओर कोई नहीं जा रहा है। ऐसे में हल्द्वानी रेलवे स्टेशन से ट्रेन में बैठने की सोच रहे यात्रियों और सुबह उतरने वाले यात्रियों के लिए समस्या हो सकती है। रेलवे स्टेशन के गेट से बनभूलपुरा क्षेत्र को जोड़ने वाली कई गलियां हैं, इसलिए मुश्किल हो सकती है। रेलवे को इस मामले में कोई उत्तर नहीं है।

रविवार को रोडवेज ने पहाड़ों और मैदानों के लिए बसों का संचालन किया। हल्द्वानी से करीब 60 बसें चल सकीं। हिंसा के कारण बनभूलपुरा में तीन दिनों से रोडवेज सेवा भी प्रभावित हुई है। रोडवेज बसें भी डिपो में ही खड़ी हो गईं क्योंकि पहाड़ों और अन्य शहरों से यात्री नहीं आ रहे थे। रविवार को कर्फ्यू हटने के बाद लोग घरों से निकलने लगे हैं। रविवार को नैनीताल, दिल्ली, देहरादून, गुरुग्राम, लुधियाना, चंडीगढ़, लखनऊ, बरेली, मुरादाबाद और अन्य शहरों में भी बसें चलाई गईं। टनकपुर जाने वाली बसों को वाया लालकुआं भेजा गया। चोरगलिया की तरफ बसों का संचालन रविवार को भी बंद रहा। एआरएम सुरेंद्र बिष्ट ने बताया कि रविवार को यात्रियों की संख्या बढ़ी थी। पहाड़ से भी यात्री आने लगे हैं। दिल्ली, देहरादून से लौट रही बसें भी अब यात्रियों को लेकर आ रही हैं। इससे आय में भी बढ़ोत्तरी हुई है। शनिवार तक जहां 2-3 लाख रुपये तक आय हो रही थी, रविवार को यह आंकड़ा 8 लाख रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।

रोडवेज ने दूसरे दिन परीक्षार्थियों को छोड़ने के लिए बरेली में गेट का सेंटर शिफ्ट होने के कारण तीन अतिरिक्त बसें भेजीं। ARM सुरेंद्र बिष्ट ने बताया कि सुबह साढ़े पांच बजे दो बसें बरेली के लिए परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को लेकर चली गईं। साढ़े दस बजे बरेली को एक और बस भेजी गई। विवाद

रविवार को केमू बस कर्फ्यू हटने के बावजूद, बसों को नैनीताल रोड और तिकोनिया से चलाया गया। KMU बसों को रोडवेज बस अड्डे के सामने नैनीताल रोड पर खड़ा किया गया था। KMO के अधिशासी अधिकारी हिम्मत सिंह नयाल ने बताया कि सुबह कुछ लंबी दूरी की बसें गईं, जिनमें बागेश्वर और पिथौरागढ़ भी शामिल थे। दोपहर में बसें अल्मोड़ा, रानीखेत और बागेश्वर तक ही चलीं।

यात्रियों का इंतजार भी टैक्सी स्टैंड पर
रविवार को भोटिया पड़ाव टैक्सी स्टैंड पर बहुत सी टैक्सियां दिखाई दीं, लेकिन कोई यात्री नहीं थे। दोपहर को यहां टैक्सी चालक यात्रियों का इंतजार कर रहे थे। टैक्सी चालक प्रवीन ने बताया कि नैनीताल और अल्मोड़ा से कुछ टैक्सियां आईं और कुछ गईं, लेकिन कोई यात्री नहीं थे। काठगोदाम टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष किशन पांडे ने बताया कि कुछ टैक्सियां अल्मोड़ा और नैनीताल गई हैं। यात्रियों की कमी के कारण बहुत सी टैक्सियां खड़ी रहीं।

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