दल के प्रांतीय संसदीय बोर्ड की बैठक 26 फरवरी को निर्धारित की गई है। दल के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष के दो दिवसीय दौरे के दौरान मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, और दल के पदाधिकारियों के साथ इस विषय पर चर्चा की गई।
भाजपा जल्द ही पांच लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर सकती है। पार्टी ने प्रत्येक सीट के लिए दो पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया है। ये पर्यवेक्षक उम्मीदवारों से संपर्क करेंगे और अपनी रिपोर्ट को प्रदेश संसदीय बोर्ड को प्रस्तुत करेंगे।
कहा गया है कि कई कार्यकर्ताओं ने विभिन्न सीटों पर टिकट के लिए आवेदन सबमिट किए हैं। कुछ सीटों पर पांच से अधिक और कहीं-कहीं चार आवेदन प्राप्त हुए हैं। आवेदन सबमिट करने की प्रक्रिया लगातार चल रही है। भट्ट ने बताया कि सभी आवेदनों को संबंधित लोकसभा सीट के पर्यवेक्षकों को सौंप दिया जाएगा। पर्यवेक्षकों की टीम क्षेत्रीय दौरे पर जाकर नामों का रायशुमारी करेगी।
उसने इसके बाद वह नामों की सूची को प्रदेश संगठन को सौंपने का कहा। यह सूची प्रदेश संसदीय बोर्ड की बैठक में प्रस्तुत की जाएगी। बैठक 26 फरवरी को देहरादून में होगी, जिसमें सौंपे गए नामों के पैनल बनाकर केंद्रीय नेतृत्व को भेजा जाएगा।
मार्च के दूसरे हफ्ते में आचार संहिता की संभावित लागू होने की संभावना जताई जा रही है। उत्तराखंड में पहले चरण में लोकसभा के पांच सीटों पर मतदान होने की संभावना है। इसलिए, राज्य में आदर्श चुनाव आचार संहिता के लागू होने में कम समय बचा है। माना जा रहा है कि मार्च के दूसरे हफ्ते में चुनाव आयोग कभी भी चुनाव आचार संहिता की घोषणा कर सकता है।
आचार संहिता के पहले भाजपा अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर सकती है, यह पार्टी सूत्रों के मुताबिक है। उन्होंने देखा कि आचार संहिता की लागू होने से पहले ही इसे किया जा सकता है। इस संभावना को देखते हुए, प्रदेश नेतृत्व ने प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
भाजपा के उम्मीदवारों में विधायक, मंत्री, और पूर्व मुख्यमंत्री जैसे नाम शामिल हैं। इसके साथ ही, एक सीट पर दूसरे दल के प्रमुख व्यक्तियों को भाजपा में शामिल करने की संभावनाएं भी हैं। चर्चा में है कि पंचम सीटों में से दो में भाजपा धामी मंत्रिमंडल के दो मंत्रियों को प्रत्याशी बनाएगी। हालांकि, पार्टी नेतृत्व का कहना है कि उम्मीदवारों के नाम केंद्रीय संसदीय बोर्ड द्वारा निर्धारित किए जाएंगे।