चंपावत के लड़ा गांव में आग लगने से दो मंजिला घर जलकर खाक

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चंपावत के लड़ा गांव में आग लगने से दो मंजिला घर जलकर खाक हो गया। 14 घरों की बाखली में आग लगने से लाखों रुपये का नुकसान हुआ।

लड़ा गांव, पाटी के रौलामेल ग्राम पंचायत में आग लगने से दो मंजिला बाखली जलकर नष्ट हो गई। 14 घरों की बाखली में आग लगने से लाखों रुपये का नुकसान हुआ। स्थानीय लोगों, पुलिस और राजस्व विभाग की टीम ने मकान के भीतर सो रहे चार लोगों और एक मवेशी को सुरक्षित बाहर निकाला, जबकि तीन मवेशी झुलसकर मर गए। अभी तक आग के कारणों का पता नहीं चला है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, बुधवार रात करीब 10:25 बजे पाटी के रौलामेल ग्राम पंचायत के लड़ा गांव में अचानक आग लग गई। हवा चलने और मकान में लगी आग के कारण अगल-बगल सटे चौबीस और मकानों तक पहुंच गई। गांव के चंदन सिंह और भैरव दत्त ने आग की भयंकरता देखकर पुलिस और राजस्व विभाग की टीम को सूचना दी। राजस्व विभाग, पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर बचाव शुरू किया।

किसी तरह मकान के अंदर सो रहीं हीरा देवी, राधिका देवी, प्रीति और भुवन चंद्र को हो हल्लाकर सुरक्षित बाहर निकाला गया। इसके बाद आग बुझाने लगे। पीड़ित परिवारों के कपड़े, बिस्तर, खाद्य सामग्री और कई अन्य आवश्यक सामान जलकर खाक हो गए। राजस्व उपनिरीक्षक जगदीश कुमार ने बताया कि सभी घरों में रखे सोने-चांदी के जेवरों और नकदी सहित 10 लाख से अधिक का नुकसान हुआ है। इसके बावजूद, आग लगने के कारणों का पता नहीं चला है। तहसीलदार बलवंत सिंह खड़ायत, भीमा सिंह, एसआई देवेंद्र बिष्ट, हेड कांस्टेबल दीपक कुमार, प्रमोद भट्ट, मोहित मिश्रा, राजू कार्की और अन्य लोगों ने इसे आगे बताया। पीड़ित परिवारों ने दूसरे गांव के घरों में शरण ली है।

सिलिंडर फटने के बाद मकानों में चार रसोई गैस सिलिंडर फट गए, जिसके कारण आग ने भयंकर रूप ले लिया। जब बद्रीदत्त के घर और भुवन चंद्र के घर दो सिलिंडर फटे, तो आग बुझा रहे लोग कुछ देर के लिए स्थान से भाग गए। गनीमत रही कि किसी को चोट नहीं लगी। बद्रीदत्त और भुवन चंद्र गांव में रहते हैं। घटना के समय बद्रीदत्त के घर में उनकी बहू प्रीति और गांव की हीरा देवी सो रही थीं। बद्रीदत काम से खटीमा गए हुए थे और उनकी मां राधिका देवी और वह खुद भुवन चंद्र के घर में सो रहे थे।

एक घर की आग बुझाने के लिए भी पानी नहीं था

स्थानीय लोगों ने बताया कि दमकल वाहन में एक घर की आग बुझाने के लिए भी पर्याप्त पानी नहीं था। फायर ब्रिगेड का पानी जल्दी भर गया। पानी के लिए आसपास कोई स्रोत भी नहीं था। कड़ी मेहनत के बाद आग बुझाई गई। इसलिए आग को सुबह होने तक नियंत्रित किया जा सका। किंतु बृहस्पतिवार को भी घरों से धुआं निकलने लगा। घटनास्थल पर फायर ब्रिगेड को पहुंचने में भी काफी समय लगा।

यह लोग भुवन चंद्र गहतोड़ी, बद्रीदत्त गहतोड़ी, हरीश गहतोड़ी, उमेश गहतोड़ी, भैरव गहतोड़ी, रमेश गहतोड़ी, मधुशुधन गहतोड़ी, तारादत्त गहतोड़ी, बुद्धि बल्लभ गहतोड़ी, धीरज गहतोड़ी, बसंत, विद्याधर, त्रिभुवन और स्व. दुर्गादत्त के पुश्तैनी घरों में रहते थे।

टाइम लाइन
रात 10:25 बजे लगी आग।
11 बजे पुलिस और फायर को सूचना।
11:05 में पहला सिलिंडर फटा।
11:20 में दूसरा सिलिंडर फटा।
11:25 में तीसरा सिलिंडर फटा।
11:40 में चौथा सिलिंडर फटा।
1:30 में लोहाघाट से फायर ब्रिगेड का वाहन पहुंचा।
1:40 बजे से आग को बुझाने कार्य शुरू किया गया।

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