हरिद्वार में सोमवती अमावस्या पर बहुत से लोग आज सुबह से गंगा में स्नान करने के लिए पहुंचे हैं. वे हरकी पैड़ी के ब्रह्म कुंड से लेकर गंगा के विभिन्न घाटों पर स्नान कर रहे हैं. इस बार सोमवती अमावस्या का स्नान एक खास संयोग से हुआ है।
इस दिन इन्द्र योग में स्नान और दान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद जारी रहता है। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि इस दिन पूरे शिव परिवार और माता लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाएगी। इसमें सभी को अपने परिवार के साथ गंगा स्नान करना चाहिए और देव को देखना चाहिए।
नारायण ज्योतिष संस्थान के आचार्य विकास जोशी ने सोमवती अमावस्या स्नान पर्व का महत्व बताते हुए कहा कि चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की अमावस्या तिथि आठ अप्रैल की सुबह तीन बजकर 31 मिनट पर शुरू होगी और मध्य रात्रि 11 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी।
सोमवती अमावस्या का योग बहुत दुर्लभ होता है। इस दिन आपको पितरों को तर्पण करना चाहिए और पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। ऐसा करने से पितृ खुश होते हैं और उनका आशीर्वाद मिलता है।
सोमवती अमावस्या के विशेष दिन पर माता लक्ष्मी और पूरे शिव परिवार को चावल की खीर का भोग देना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और देवता प्रसन्न मुद्रा में आपकी इच्छा पूरी करते हैं।
ज्योतिषाचार्य विकास जोशी ने बताया कि सोमवती अमावस्या पर इंद्र योग बनाया जा रहा है। यह छह बजकर चौदह मिनट तक चलेगा।
साथ ही सुबह चार बजे पांच बजे से छह बजे तीस मिनट तक स्नान करने का शुभ समय रहेगा। इस संयोजन में स्नान और दान अक्षय फलों को देंगे।
वहीं, बड़ी संख्या में पर्यटकों के पहुंचने से यहां वाहनों का भी भारी दबाव हो गया है।
शनिवार से ही देश भर के कई राज्यों से लोग वीकेंड पर हरिद्वार पहुंचे। रविवार को भी सुबह से ही भीड़ में भारी वृद्धि हुई।
स्थिति ये हैं कि हरकी पैड़ी के ब्रह्म कुंड से लेकर गंगा के विभिन्न घाटों पर भारी भीड़ ने आस्था की डुबकी लगाई। वहीं, बड़ी संख्या में पर्यटकों के पहुंचने से यहां वाहनों का भी भारी दबाव हो गया है।
यहां होटल, आश्रम और धर्मशाला सब पूरी तरह पैक हो चुके हैं। सोमवती अमावस्या को लेकर हालांकि जिला प्रशासन ने 29 जोन और 39 सेक्टर में बांटकर सोमवती अमावस्या को संपन्न करने का पूरा प्लान तैयार किया था।
यही नहीं, पंजाब और हरियाणा से आने वाले वाहनों के लिए अलग व्यवस्था की गई है। सिडकुल से आने वाले वाहनों के लिए भी अलग व्यवस्था की गई है।
वाहनों का दबाव बढ़ने पर ई-रिक्शा और ऑटो विक्रम को उलट दिया गया।