2019 के चुनाव में 10 स्थानों पर चुनाव बहिष्कार हुआ था, वहीं इस बार 25 स्थानों पर हो गया है।
प्रदेश में 2019 के मुकाबले इस बार मतदान प्रतिशत में कमी और मतदान बहिष्कार में वृद्धि हुई है। 2019 के चुनाव में 10 स्थानों पर चुनाव बहिष्कार हुआ था, वहीं इस बार 25 स्थानों पर हो गया है।
देहरादून: किस जिले में कितना बहिष्कार चकराता क्षेत्र के बारह गांवों (द्वार और बिशलाड़ खत) के लोगों ने मतदान नहीं किया। सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक छह मतदान स्थलों पर सन्नाटा था। तहसीलदार और एडीओ ने गांव में ग्रामीणों को मनाने का प्रयास किया, लेकिन वे ग्रामीणों को नहीं पाए। मतदान केंद्र मिंडाल में केवल दो लोगों ने अपना मतदान दिया। दांवा पुल-खारसी मोटर मार्ग की मरम्मत नहीं होने से बारह गांवों (मिंडाल, खनाड़, कुराड़, सिचाड़, मंझगांव, समोग, थणता, जोगियो, बनियाना, सेंजाड़, सनौऊ, टावरा) बाहर हो गए। मसूरी में भी कम से कम सात मतदान केंद्रों पर वोट डाले गए।
चम्बोली: चमोली जिले के आठ गांवों के लोगों ने मतदान करने से दूरी बनाए रखी। निजमुला घाटी के ईराणी गांव में केवल एक ग्रामीण ने अपना वोट दिया था। ग्रामवासियों ने पाणा, गणाई, देवराड़ा, सकंड, पंडाव, पिनई और बलाण में मतदान नहीं किया। मतदान से दूर रहे कर्णप्रयाग के संकड, आदिबदरी के पड़ाव, नारायणबगड़ के मानूर और बेड़गांव के ग्रामीण। थराली के देवराड़ा और देवाल के बलाड़ में मतदान का पूरी तरह से बहिष्कार कर दिया गया।
पेड़: मतदाता विकास खंड पाबौ के मतदान केंद्र चैड़ में वोट डालने नहीं निकले। यह जानकारी मिलते ही निर्वाचन विभाग की टीम तुरंत गांव पहुंची और लोगों से वोट डालने की अपील की। बहुत मान-मनौव्वल के बावजूद सिर्फ 13 ग्रामीणों ने ही मतदान किया, जिसमें दो मत कर्मचारियों के थे। तल्ला और चैड मल्ला गांवों में कुल 308 मतदाता हैं।
पीठौरागढ़: धारचूला में तीन स्थानों पर मतदान बहिष्कार किया गया था। निर्वाचन की टीम ने देर शाम तक मनाने का प्रयास नहीं किया।
प्रदेश के चार जिलों में बुनियादी सुविधाओं की कमी से परेशान ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया है। चमोली में एक सड़क स्वीकृत हो चुकी है, लेकिन आचार संहिता की वजह से काम शुरू नहीं हो पाया है, अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने बताया। ग्रामीण लोग इसके बावजूद वोट देने को तैयार नहीं हुए। चकराता, मसूरी और पिथौरागढ़ में भी लोगों ने सड़क, पानी और अन्य सुविधाओं के खिलाफ मतदान का बहिष्कार किया।