मुख्यमंत्री धामी ने सूचना प्रौद्योगिकी और सुशासन से संबंधित बैठक में महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने ऑनलाइन सेवाओं के साथ-साथ डाटा सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
राजधानी में प्रमाण पत्रों की डोरस्टेप डिलीवरी का पायलट प्रोजेक्ट सफल होने के बाद अब यह सुविधा प्रदेश के अन्य शहरी निकायों में भी शुरू की जाएगी। सोमवार को सचिवालय में सूचना प्रौद्योगिकी और सुशासन पर हुई बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
सीएम धामी ने कहा कि सभी विभाग यह सुनिश्चित करें की उनकी विभागीय वेबसाइट अपडेट हो। बैठक में जानकारी दी गई कि अपुणि सरकार पोर्टल के माध्यम से 886 सेवाएं ऑनलाइन माध्यम से दी जा रही है। ऑनलाइन माध्यम से दी जाने वाली सेवाओं में प्राप्त आवेदनों पर समयबद्धता के साथ 93 प्रतिशत निस्तारण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने इसे पूरी तरह से लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार नागरिकों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अधिकतर जन सुविधाएं उनके घर तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है। देहरादून में विभिन्न प्रमाण पत्रों की डोरस्टेप डिलीवरी के लिए चलाए गए पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद, मुख्यमंत्री ने इस प्रणाली को प्रदेश के शहरी स्थानीय निकायों में भी लागू करने के निर्देश दिए।
डाटा सिक्योरिटी का भी विशेष ध्यान रखा जाए: सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि सूचना क्रांति के इस दौर में ऑनलाइन सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही डाटा सिक्योरिटी का भी विशेष ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभाग यह सुनिश्चित करें कि विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को प्रदान की जाने वाली धनराशि का वितरण डीबीटी के माध्यम से हो। उन्होंने निर्देश दिए कि पीएम गतिशक्ति उत्तराखंड के तहत योजनाओं का त्वरित क्रियान्वयन हो, इसके लिए संबंधित प्रस्तावों पर निर्धारित बिंदुओं के अनुसार कार्रवाई की जाए।
बैठक में बताया गया कि सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कौशल विकास के तहत विशेष रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में 2026 तक 10 हजार से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसमें नौ कोर्स शामिल किए गए हैं, जो राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) से मान्यता प्राप्त हैं। इसके अलावा आईटीडीए-सीएससी के तहत 60 हजार से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित किया गया है, जिसमें 25 विभिन्न कोर्स शामिल थे।