कुछ महीने पहले, ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ की सीढ़ियों से गिरने के कारण विधायक शैलारानी की रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर हो गया था। उनके परिजनों ने उन्हें एक उच्च चिकित्सा केंद्र में भर्ती कराया, जहाँ उनकी सर्जरी की गई, लेकिन वह सफल नहीं हो पाईं।
उत्तराखंड के केदारनाथ क्षेत्र की विधायक शैलारानी रावत का मंगलवार रात निधन हो गया। उन्होंने देहरादून के मैक्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके भाई और उत्तराखंड प्रेस क्लब के अध्यक्ष अजय राणा ने इस खबर की पुष्टि की है। शैलारानी रावत 68 वर्ष की थीं। उनका अंतिम संस्कार बुधवार को उनके पैतृक स्थान पर किया जाएगा।
विधायक शैलारानी पिछले दो दिन से मैक्स अस्पताल में वेंटिलेटर पर थीं। रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर के बाद हुई सर्जरी के बाद से उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ था। 2017 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान वे गिर गई थीं, जिससे उन्हें आंतरिक चोटें आई थीं। इस चोट के कारण मांसपेशियों में क्षति हुई और उन्हें कैंसर भी हो गया था। लगभग तीन वर्षों तक इलाज के बाद वे स्वस्थ होकर घर लौटीं और पुनः राजनीति में सक्रिय हो गईं।
कुछ माह पूर्व ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ की सीढ़ियों से गिरने के कारण उनकी रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर आ गया था। परिजनों द्वारा उन्हें हायर सेंटर ले जाया गया, जहां उनकी सर्जरी की गई, पर वह सफल नहीं हो पाईं। दो दिन से वह जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही थीं।
ऐसा रहा राजनीतिक सफर
शैलारानी ने अपना राजनीतिक सफर कांग्रेस से शुरू किया था और 2012 में वह विधानसभा पहुंची थीं। हरीश रावत की सरकार के दौरान कांग्रेस में हुई बगावत के समय शैलारानी भी पार्टी के नौ वरिष्ठ विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गईं।
भाजपा ने 2017 विधानसभा चुनाव में उन्हें केदारनाथ सीट से टिकट दिया था, लेकिन वह हार गई थीं। 2022 में पार्टी ने उन्हें फिर प्रत्याशी बनाया। तब शैलारानी ने जीत दर्ज की थी। अब उनके निधन के बाद यह सीट खाली हो गई है।