वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक का अनुपूरक बजट सदन के सामने रखा

उत्तराखंड राजनीति

उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दूसरे दिन, बजट पेश होने के साथ विपक्ष ने सत्र की कम अवधि पर सवाल उठाया। विपक्ष ने एक शोध रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि उत्तराखंड विधानसभा की अवधि देश में सबसे कम है।

 

उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन, गुरुवार को प्रदेश सरकार ने सदन में अनुपूरक बजट पेश किया। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक का अनुपूरक बजट सदन के सामने रखा। इसके साथ ही आठ विधेयक भी सदन पटल पर प्रस्तुत किए गए।

 

सत्र के दूसरे सदन में आठ विधेयक हुए पेश

1-उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1916) संशोधन विधेयक 2024

2-उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959) संशोधन विधेयक 2024

3-उत्तराखंड लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक 2024

4-उत्तराखंड राज्य विधानसभा विविध संशोधन विधेयक 2024

5-उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950) संशोधन विधेयक

6-उत्तराखंड राज्य क्रीड़ा विश्वविद्यालय विधेयक 2024

7-उत्तराखंड कामगार और सुधारात्मक सेवाएं विधेयक 2024

8-विनियोग विधेयक 2024

 

विपक्ष ने उठाया सवाल, सत्र की अवधि कम क्यों ?

विधानसभा सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने सत्र की कम अवधि पर सवाल उठाया। उन्होंने एक शोध रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए दावा किया कि उत्तराखंड विधानसभा की अवधि देश की अन्य विधानसभाओं से सबसे कम है। प्रदेश सरकार ने जवाब देते हुए कहा कि सत्र की अवधि बिजनेस के आधार पर तय की जाती है।

कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करते हुए सत्र की अवधि को लेकर सवाल उठाए। विपक्ष ने विस कार्य संचालन नियमावली और अन्य विधानसभाओं पर आधारित शोध पत्र का हवाला देते हुए सरकार से सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की।

विपक्ष ने कहा कि 2022 से 2024 तक उत्तराखंड विधानसभा का सत्र सिर्फ 22 दिन चला है। वहीं, 2017 से 2023 तक देश की विधानसभाओं की औसत सत्र अवधि 22 दिन रही है, जबकि उत्तराखंड का औसत केवल 12 दिन है। विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि सत्र के कई विधेयक एक दिन में बिना चर्चा के पारित कर दिए जाते हैं। पिछले तीन साल में सोमवार का दिन भी नहीं आया, जब मुख्यमंत्री से संबंधित विभागों के मुद्दों पर जवाब मिल सके।

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आरोप लगाया कि सरकार सत्र की अवधि बढ़ाकर सवालों के जवाब देने के लिए तैयार नहीं है। उनका कहना है कि विपक्ष का काम सदन को चलाना है, लेकिन सरकार नियमों की अनदेखी कर रही है। इस पर संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि सत्र की अवधि बिजनेस के आधार पर तय की जाती है और सरकार चाहती है कि सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चले।

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