पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल ने वेतन और भत्ते बढ़ाने पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि भराड़ीसैंण में हुए तीन दिन के सत्र में सरकार की एकमात्र उपलब्धि खुद के वेतन और भत्तों को बढ़ाना रही है।
सत्ता और विपक्ष के विधायक वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी पर एकजुट रहे, लेकिन पूर्व विधायक और वरिष्ठ कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल ने इस पर सवाल उठाए। उन्होंने सुझाव दिया कि विधायकों के वेतन और भत्तों की बढ़ोतरी के लिए एक नियामक आयोग बनाना चाहिए और इसके लिए प्रदेश सरकार तथा विधानसभा अध्यक्ष से नीतिगत निर्णय लेने की मांग की। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि वे विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर पूर्व विधायकों की पेंशन और भत्तों में की गई बढ़ोतरी को स्वीकार नहीं करेंगे।
गोदियाल ने कहा कि भराड़ीसैंण में हुए सत्र में सरकार ने विधायकों और पूर्व विधायकों के वेतन और भत्तों में वृद्धि के लिए एक विधेयक पारित किया। इस विधेयक के अनुसार, वर्तमान विधायकों के वेतन-भत्तों में 1.15 लाख रुपये की बढ़ोतरी की गई है, जबकि पूर्व विधायकों की पेंशन और भत्तों में 10 से 12 हजार रुपये की बढ़ोतरी की गई है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों को केवल छह से सात हजार रुपये का मानदेय मिल रहा है, जबकि आपदा के समय प्रभावितों को सरकार द्वारा दी जाने वाली पांच हजार रुपये की सहायता भी समय पर नहीं मिल रही है। ऐसे में विधायकों के वेतन और भत्तों की बढ़ोतरी लोगों को नाराज करने वाला निर्णय है।
कहा, लोगों को विश्वास में लाने के लिए प्रदेश सरकार को विधायकों के वेतन व भत्तों में बढ़ोतरी करने के लिए नियामक आयोग बनाने की जरूरत है।