केंद्र सरकार ने 2018 में आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की, जिसके तहत गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज उपलब्ध कराया गया। इस योजना के तहत उत्तराखंड के 5.37 लाख परिवारों को शामिल किया गया था।
आयुष्मान भारत योजना के तहत 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को पांच लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज उपलब्ध कराने के लिए आधार नंबर से आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे। इस योजना के लागू होने से प्रदेश में रहने वाले अन्य राज्यों के बुजुर्गों को भी सूचीबद्ध अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी, जो फिलहाल योजना के दायरे में नहीं है।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने आयुष्मान कार्ड बनाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। केंद्र सरकार ने 2018 में आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की थी, जिसके तहत गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज उपलब्ध कराया जाता है। इस योजना के तहत उत्तराखंड के 5.37 लाख परिवारों को शामिल किया गया था।
पांच लाख तक कैशलेस इलाज की सुविधा
2019 में प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी 23 लाख राशन कार्डधारकों को कैशलेस इलाज की सुविधा प्रदान की थी, जिसका खर्च राज्य सरकार वहन कर रही है। अब केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत योजना का विस्तार करते हुए 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को पांच लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज उपलब्ध कराने की सुविधा दी है।
इससे प्रदेश सरकार को बुजुर्गों के इलाज का खर्च नहीं उठाना पड़ेगा, साथ ही राज्य में रह रहे अन्य राज्यों के बुजुर्गों को भी कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने बुजुर्गों को कैशलेस इलाज की बड़ी सुविधा प्रदान की है।
कहा, प्रदेश में यह सुविधा पहले से बुजुर्गों को मिल रही है। प्रदेश सरकार की ओर से संचालित राज्य आयुष्मान योजना के दायरे से बाहर बुजुर्गों का आधार नंबर से आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे।