साइबर हमले के चलते उत्तराखंड में सरकारी सिस्टम पर सोशल मीडिया का उपयोग नहीं होगा, और सुरक्षा के उपाय के तहत यह प्रतिबंध लगाया गया

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उत्तराखंड में साइबर सुरक्षा के मानकों को पूरा करने के बाद 58 वेबसाइट और मोबाइल एप्लीकेशन सुरक्षित नेटवर्क पर संचालित हो रहे हैं।

साइबर हमले के बाद, राज्य के सचिवालय सहित सभी सरकारी दफ्तरों में कंप्यूटर पर सोशल मीडिया के उपयोग पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया गया है। जो कार्यालय अब तक सुरक्षित स्वान नेटवर्क से नहीं जुड़े हैं, उन्हें तेजी से जोड़ा जा रहा है। 58 कार्यालय पहले ही जुड़ चुके हैं, जबकि बाकी पर काम जारी है।

आईटी सचिव नितेश झा ने बताया कि साइबर हमले के बाद विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार सभी सूचनाएं साझा की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा मानकों को पूरा करने के बाद 58 वेबसाइट और मोबाइल एप सुरक्षित नेटवर्क पर संचालित हो रहे हैं। वहीं, कोविड-19 और कुंभ जैसी 10 वेबसाइटों को बंद किया जा रहा है, क्योंकि अब उनकी आवश्यकता नहीं है।

सभी विभागों को सिक्योरिटी ऑडिट का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। सिक्योरिटी ऑडिट के बिना कोई भी नई या पुरानी वेबसाइट संचालित नहीं की जाएगी। लगभग 1,400 मशीनों में से विंडो 2012 पर चल रही 200 मशीनों को हटा दिया गया है। अब विशेषज्ञों की एक टीम आईटीडीए के पूरे सिस्टम का विश्लेषण करके खामियों की रिपोर्ट तैयार करेगी।

अभी सप्ताहभर धीमे चलेंगे कंप्यूटर

आईटीडीए अब अत्यधिक सतर्कता से कदम उठा रहा है। कोई भी नई वेबसाइट बिना सिक्योरिटी ऑडिट के संचालित नहीं होगी, और पुरानी वेबसाइटें भी ऑडिट के बाद ही शुरू की जाएंगी। आईटी सचिव नितेश झा के अनुसार, पूरे नेटवर्क ट्रैफिक पर नजर रखी जा रही है और लगातार स्कैनिंग की जा रही है। अगले एक सप्ताह तक सिस्टम थोड़ा धीमा चल सकता है।

सचिवालय में बनेगा डाटा सेंटर

सचिवालय में जल्द ही एक डाटा सेंटर स्थापित किया जाएगा, जिसके लिए स्थान तय किया जा चुका है। आईटी सचिव ने इस सेंटर का सेटअप जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं, ताकि राज्य डाटा सेंटर का बैकअप यहां भी सुरक्षित रखा जा सके।

निक्सी की टीम भी पहुंची

केंद्र सरकार की नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर सर्विस (निक्सी) की टीम भी पहुंच चुकी है। यह पूरी राज्य डाटा सेंटर और सभी वेबसाइटों की सुरक्षा ऑडिट करेगी। इसके अलावा, नेशनल ई-गवर्नेंस विभाग (एनईजीडी), एनआईसी, इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सर्ट इन), आईटीडीए, एसटीएफ, और एनआईए एक साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं। इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (आई4सी) की टीम अपना काम पूरा कर लौट चुकी है।

अब जीरो ट्रस्ट नीति पर कार्य शुरू किया जाएगा। सभी को साइबर सुरक्षा से संबंधित नियमों का पालन करना होगा। इसके लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी बनाई जा रही है। सभी विभाग सुरक्षित स्वान नेटवर्क का उपयोग करेंगे। पासवर्ड को अपडेट किया जाएगा, और डाटा सेंटर तथा आपदा पुनर्प्राप्ति प्रणाली को मजबूत किया जाएगा। – नितेश झा, सचिव आईटी

 

 

 

 

 

 

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