उत्तराखंड की 21 जल विद्युत परियोजनाओं में से 11 परियोजनाएं बिना विवाद की हैं, जबकि 10 परियोजनाएं ऐसी हैं जिन्हें सुप्रीम कोर्ट की विशेषज्ञ समिति ने मंजूरी दी है।
राज्य की 2123.6 मेगावाट की 21 जल विद्युत परियोजनाओं के बारे में मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने राज्य से स्पष्टीकरण मांगा है। जल शक्ति मंत्रालय ने इन परियोजनाओं में रुकावट डाली है, जिसके समाधान के लिए यह उपसमिति बनाई गई थी। इस उपसमिति में उत्तराखंड की मुख्य सचिव भी सदस्य के रूप में शामिल हैं।
वास्तव में, राज्य सरकार का तर्क है कि उत्तराखंड की 21 जल विद्युत परियोजनाओं में से 11 परियोजनाएं बिना विवाद की हैं, जबकि 10 परियोजनाएं ऐसी हैं जिन्हें सुप्रीम कोर्ट की विशेषज्ञ समिति से मंजूरी मिल चुकी है। इसके बावजूद, जल शक्ति मंत्रालय का कहना है कि 2019 में पीएमओ की बैठक में तय किया गया था कि ये परियोजनाएं नहीं बन सकतीं।
विवाद के बीच केंद्र सरकार ने मंत्रिमंडलीय उपसमिति का गठन किया था। इस उपसमिति को अपनी रिपोर्ट देनी है। जिसके आधार पर इन जल विद्युत परियोजनाओं का भविष्य तय होगा। यूजेवीएनएल के एमडी डॉ. संदीप सिंघल ने बताया कि उप समिति के लिए जवाब तैयार करके भेजा जा रहा है।