विभाग ने ऐसे लोगों को कंप्यूटर ऑपरेटर बना रखा है जिन्हें लैपटॉप चलाना नहीं आता। यह स्थिति विकास विभाग में देखी गई है।
विकास विभाग में ऐसे लोगों को भी कंप्यूटर ऑपरेटर बना दिया गया है जिन्हें लैपटॉप चलाना नहीं आता। समीक्षा बैठक में यह बात सामने आने पर मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) आकांक्षा कोंडे ने बीडीओ को कड़ी फटकार लगाई और व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिए।
मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम), मनरेगा, पीएम आवास ग्रामीण, ग्रामोत्थान जैसी परियोजनाओं की समीक्षा बैठक कर रही थीं। इस बैठक में जिले के सभी छह ब्लॉकों के खंड विकास अधिकारियों को भी बुलाया गया था।
बैठक में विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान पता चला कि एनआरएलएम में आउटसोर्स से रखे गए कई कंप्यूटर ऑपरेटर ठीक से लैपटॉप भी नहीं चला पाते, फिर भी उन्हें ब्लॉक मुख्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर बनाया गया है। इस वजह से विकास योजनाओं का डेटा समय पर ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड नहीं हो पा रहा है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी
सीडीओ ने नाराज होकर ऐसे बीडीओ को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि जिन्हें कंप्यूटर ऑपरेटर रखा गया है, उन्हें या तो हटाएं या पहले उन्हें ट्रेनिंग दिलवाएं। सीडीओ ने परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति पर चर्चा करते हुए समय पर काम पूरा करने के निर्देश दिए ताकि लाभार्थियों को इन योजनाओं का लाभ जल्दी मिल सके।
सभी खंड विकास अधिकारियों को अपने क्षेत्रों में चल रही योजनाओं की गहराई से समीक्षा करने और मासिक बैठक में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया। कहा गया कि परियोजनाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और धरातल पर उनके सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाने के लिए सख्त निगरानी जरूरी है।
ग्रामोत्थान परियोजना और एनआरएलएम योजनाओं के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया गया। कहा गया कि ऐसे सामूहिक प्रयासों से योजनाओं की प्रभावशीलता में वृद्धि होगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। साथ ही, विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी कार्यों को समय पर, पूरी गुणवत्ता और मानकों के अनुसार पूरा कर रिपोर्ट भेजी जाए। इस अवसर पर ग्राम्य परियोजना निदेशक केएन तिवारी, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश आदि भी उपस्थित थे।