विवाह पंजीकरण में आ रही दिक्कतों के समाधान के लिए मुख्य सचिव ने बैठक की। अधिवक्ताओं की हड़ताल खत्म करने के लिए सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में विवाह पंजीकरण की सुविधा देने पर सहमति बनी थी। जल्द ही प्रदेश के सभी 13 जिलों के उप निबंधक कार्यालयों में भी यह सुविधा शुरू की जाएगी।
प्रदेश में लागू समान नागरिक संहिता नियमावली के तहत अब सभी जिलों के उप निबंधक (सब-रजिस्ट्रार) कार्यालयों में विवाह और वसीयत का पंजीकरण किया जा सकेगा। फिलहाल, यह सुविधा सामुदायिक सेवा केंद्रों (सीएससी) के माध्यम से उपलब्ध है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति ने इस संबंध में सिफारिश की है।
गौरतलब है कि अधिवक्ताओं की हड़ताल समाप्त करने के लिए सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों में विवाह पंजीकरण की सुविधा देने पर सहमति बनी थी। समिति की सिफारिश के अनुसार, जल्द ही प्रदेश के सभी 13 जिलों के उप निबंधक कार्यालयों में विवाह पंजीकरण शुरू किया जाएगा, साथ ही वसीयत पंजीकरण की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
राज्य सचिवालय में हुई समिति की बैठक में यूसीसी पोर्टल के जरिए विवाह पंजीकरण में आ रही व्यावहारिक दिक्कतों के समाधान पर चर्चा की गई। बैठक में पोर्टल को सरल और अधिक उपयोगी बनाने पर जोर दिया गया। साथ ही, विवाह पंजीकरण के दौरान शादी की फोटो अपलोड करने की अनिवार्यता समाप्त करने पर भी विचार हुआ।
अब विवाह पंजीकरण के लिए फोटो अपलोड करने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि सिस्टम दंपती के आधार से फोटो ले लेगा। यानी आधार की फोटो से ही काम हो जाएगा। वहीं, समिति ने विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र को डीजी लॉकर में उपलब्ध कराने के सुझाव पर भी सहमति जताई है। अब यह अन्य प्रमाण पत्रों और दस्तावेजों के साथ डीजी लॉकर में भी प्राप्त किया जा सकेगा।