सेतु आयोग की पहल: शादी से पहले मिलेगी सलाह, ताकि बाद में न टूटे रिश्ते, सरकार देगी काउंसलिंग सुविधा

उत्तराखंड

इस प्रयास का मकसद शादी को मजबूत बनाना और दंपत्तियों को मिलजुल कर सुखद जीवन जीने में सहयोग देना है।

उत्तराखंड में बढ़ते वैवाहिक झगड़ों और टूटते रिश्तों को ध्यान में रखते हुए सेतु आयोग ने एक अहम कदम उठाया है। आयोग ने वैवाहिक जीवन की शुरुआत करने वाले जोड़ों के लिए काउंसलिंग को जरूरी मानते हुए महिला सशक्तीकरण विभाग को निर्देश दिया है कि वह विवाह के बाद परिवारों में तनाव और टूटन से बचाव के लिए विशेषज्ञों की मदद से काउंसलिंग की व्यवस्था करने का विस्तृत प्रस्ताव तैयार करे।

इस पहल का मकसद शादी जैसे पवित्र रिश्ते को मजबूत बनाना और दंपत्तियों को आपसी समझ के साथ जीवन बिताने में सहायता करना है। इस पूरी प्रक्रिया में सेतु आयोग भी अहम भूमिका निभाएगा। आयोग विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की एक सूची तैयार कर महिला सशक्तीकरण विभाग को सलाह उपलब्ध कराएगा, जिससे काउंसलिंग कार्यक्रम को मजबूत आधार मिल सके। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि परामर्श सेवा गुणवत्तापूर्ण हो और जोड़ों को उनकी असली समस्याओं का समाधान पाने में मदद मिले।

बढ़ते विवादों पर अंकुश लगाने की कवायद

राज्य में जिस तरह से वैवाहिक विवादों और तलाक के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है, उसने समाजशास्त्रियों और नीति निर्माताओं को चिंता में डाल दिया है। सेतु आयोग ने यह महसूस किया है कि विवाह संस्था में प्रवेश करने जा रहे जोड़ों को शादी से पहले या उसके तुरंत बाद काउंसलिंग दी जाए। इस काउंसलिंग का मुख्य लक्ष्य जोड़ों में वैवाहिक जीवन को लेकर एक परिपक्व समझ विकसित करना है। उन्हें वैचारिक तौर पर एक-दूसरे से भली-भांति वाकिफ कराना, आपसी अपेक्षाओं को समझना और उन्हें उनके कानूनी अधिकारों व जिम्मेदारियों से अवगत कराना होगा।

 

सेतु आयोग की इस सलाह के बाद महिला सशक्तीकरण विभाग ने प्रस्ताव तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विभाग विभिन्न विशेषज्ञों, मनोचिकित्सकों, पारिवारिक सलाहकारों और कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श कर रहा है ताकि एक व्यापक और प्रभावी काउंसलिंग मॉडल विकसित किया जा सके।

-प्रशांत आर्या, निदेशक, महिला सशक्तीकरण विभाग

 

 

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