हेल्थ सेक्टर से बड़ी अपडेट उत्तराखंड मे अब चमकेंगें उत्तराखंड के हर छोटे बड़े सरकारी अस्पताल, अब नहीं होंगे गेट और ना ही स्टाफ की कमी!

देहरादून/मसूरी स्वास्थ्य

अब मंत्री और स्वास्थ्य सचिव की मेहनत लाएगी रंग, “मिशन क्लीन हॉस्पिटल” शुरू!

हेल्थ सेक्टर उत्तराखंड मे अब चमकेगा उत्तराखंड के हर छोटे बड़े सरकारी अस्पताल, अब नहीं होंगे गेट और न होंगे स्टाफ की कमी क्योंकि सुधार के अगले चरण में सचिव डॉ. आर. कुमार और मंत्री धन सिंह रावत ने पूरा प्लान तैयार कर लिया है, मूल राष्ट्रीय मेडिकल राजेश स्टूडियो ने दस्तावेजों को सफाई में शामिल कर लिया है, जिसकी व्यवस्था के लिए आउटपुट मानक को बढ़ावा दिया जाएगा, जिसके लिए अधिकारियों को जल्द ही प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही विभिन्न वार्डों में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की ग्रेड एनएमसी मानक के अनुसार। मेडिकल छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध पुस्तकों के लिए जल्द ही ई-ग्रंथालय की सुविधा शुरू की जाएगी।

वार्डों में एनएमसी मानक होंगे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी:

सेंचुरी के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने राजकीय दून मेडिकल कॉलेज की सभी मेडिकल कार्यशालाओं की समीक्षा बैठक में भाग लिया। मेडिकल दस्तावेजों से संबंधित दस्तावेजों में सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए आउट क्लासिक दस्तावेजों को शामिल करने का निर्णय लिया गया। स्वास्थ्य ने बताया कि इसके लिए चिकित्सा शिक्षा निदेशालय प्रस्ताव उपलब्ध है। फिर शासन की अनुमति के बाद सभी मेडिकल कॉलेज सफाई व्यवस्था के लिए ऑर्टिस्टिक सैय्यर ले फाँफ का आउट।

उच्च शिक्षा की मैकेनिकल मेडिकल शिक्षा में भी लागू होगी ई-ग्रंथालय सुविधा

इसी प्रकार से सम्बद्ध एनामेल्स के सभी वार्डों में एनएमसी के मानक चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की 24 घंटे के वार्डों में 24 घंटे तक की सेवा उपलब्ध हो सके। इसी प्रकार मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्रों को देश-विदेश के बेहतरीन लेखकों के पाठ्य संग्रह एवं शोधकर्ता छात्रों को ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मेडिकल छात्रों को जल्द ही ई-ग्रंथालय की सुविधा उपलब्ध कराई गई। इस संबंद्ध में चिकित्सा शिक्षा निदेशालय को शीघ्र ई-ग्रंथालय की ओर से उपलब्ध सामग्री के निर्देश दिए गए हैं।

बैठक में सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार, पैतृक मेडिकल यूनिवर्सिटी प्रो. हेमचंद्र, अपर सचिव स्वास्थ्य शिक्षा नमामि बैसाखी, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, केजीएमसी लखनऊ के प्रो. सूर्यकांत सहित, वास्तुशिल्प, उद्यमियों, हरिद्वार, दुर्ग के कार्यशाला एवं कार्यदशाद गोदाम के अधिकारी एवं उपराष्ट्रपति अधिकारी उपस्थित रहे।

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