यूपीसीएल के बिजली बिलों को भी निरस्त करते हुए उपभोक्ताओं को राहत दी है। रुद्रपुर निवासी थान सिंह (Than Singh, resident of Rudrapur) का छोटा कारोबार है, जिसके लिए 10 किलोवाट का कनेक्शन लिया हुआ है।
बिजली विभाग के अफसर उपभोक्ताओं को मनमर्जी से बिजली बिल थमा रहे हैं। धरातल पर मीटर नहीं बदलते, लेकिन कागजी खानापूरी करके रीडिंग बढ़ा देते हैं। उपभोक्ता जितना विरोध करते हैं, तो बिजली का बिल उतना हीं बढ़ता जाता है।
उत्तराखंड विद्युत लोकपाल सुभाष कुमार ने ऐसे तीन मामलों में उपभोक्ता फोरम के आदेश को रद्द कर दिया। यूपीसीएल के बिजली बिलों को भी निरस्त करते हुए उपभोक्ताओं को राहत दी है। रुद्रपुर निवासी थान सिंह का छोटा कारोबार है, जिसके लिए 10 किलोवाट का कनेक्शन लिया हुआ है।
मार्च में उन्हें 1,14,969 का बिल आया। साथ ही कहा गया कि कनेक्शन न कटे इसके लिए 75 हजार तत्काल जमा कराएं। इसके बाद उन्हें 28 मार्च को यूपीसीएल से एक पत्र आया, जिसमें कहा गया कि उनका फरवरी 2017 से नवंबर 2022 का 29,35,681 रुपये का बकाया है।
वह उपभोक्ता फोरम गए, जहां से राहत नहीं मिली। विद्युत लोकपाल सुभाष कुमार (Electricity Ombudsman Subhash Kumar) ने माना कि यूपीसीएल ने गलत बिल थमाया है। उन्होंने इसे निरस्त करते हुए पिछले छह बिलिंग साइकिल के हिसाब से बिल देने को कहा है। उन्होंने फोरम का आदेश निरस्त कर दिया।
मीटर बदले बिना बिल बढ़ाकर दो लाख पहुंचाया
रुड़की के सिकंदरपुर निवासी किसान अय्यूब ने अपनी 30 बीघा जमीन पर निजी ट्यूबवेल लगाया। उन्हें बिजली विभाग ने पिछले साल 15 मार्च को 2,94,499 रुपये का बिल थमाया। जिस पर उन्होंने शिकायत की तो विभाग ने मीटर की गड़बड़ी मानते हुए इसमें से 91,704 रुपये की छूट करते हुए 2,02,795 रुपये जमा कराने को कहा। उपभोक्ता फोरम ने भी इसे सही ठहराया। अपील पर विद्युत लोकपाल सुभाष कुमार ने माना कि यूपीसीएल ने वहां बिजली का नया मीटर लगाया ही नहीं था। मनमाने तरीके से बिल थमा दिया। उस बिल व फोरम के आदेश को रद्द कर दिया। उन्होंने यूपीसीएल को आदेश दिया कि पुराने मीटर की रीडिंग के औसत के हिसाब से नया बिल दिया जाए।
इंजीनियरों की खींचतान में आठ लाख का बिल
काशीपुर निवासी आशीष कुमार अरोड़ा (Ashish Kumar Arora) की बिजली बिल की रीडिंग ठीक नहीं आ रहीं थीं। उन्होंने विभाग को शिकायत की तो चेक मीटर लगाया गया। इसके बावजूद बिजली विभाग ने नवंबर 2022 में आठ लाख 81 हजार 244 रुपये का बिल थमा दिया। उन्होंने विरोध करते हुए उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया। बिजली कनेक्शन न कटे, इसके लिए उन्होंने दो लाख रुपये एडवांस भी जमा करा दिया। फोरम से राहत न मिलने पर वह विद्युत लोकपाल पहुंचे। लोकपाल सुभाष कुमार (Lokpal Subhash Kumar) ने पाया कि यूपीसीएल के दो इंजीनियरों की आपसी खींचतान से उपभोक्ता को आठ लाख का बिल दिया गया। उन्होंने तत्काल फोरम के आदेश व इस बिल को निरस्त कर दिया। पूर्व से जमा दो लाख की राशि भी उपभोक्ता को लौटाने के आदेश दिए।