नकली दवाओं की वितरण पर ड्रग कंट्रोल विभाग ने खड़ा किया मोर्चा

उत्तराखंड क्राइम स्वास्थ्य

नकली दवाओं का उपभोग रोकने के लिए औषधि नियंत्रण विभाग ने भी मोर्चा संभाल लिया है। पुलिस की ओर से उपलब्ध कराए गए बैच-नंबर का दवा की दुकानों पर उपलब्ध स्टाक से मिलान किया जा रहा है।

इसके अलावा अन्य बैच-नंबर की दवाओं की भी विभाग की ओर से रैंडम सैंपलिंग की जा रही है।

 

दवाओं की सूची कराई गई उपलब्ध

बता दें, बीते रविवार पुलिस ने झबरेड़ा में नकली दवा फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था। यह दवा बड़े स्तर पर बाजार में सप्लाई की गई है। ऐसे में औषधि नियंत्रण विभाग ने भी अपने स्तर पर कार्वाई शुरू कर दी है। औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि पुलिस की ओर से दवाओं की सूची उपलब्ध कराई गई हैं।

की जा रही है रैंडम सैंपलिंग

इनमें वाल्टर बुशनेल की यूरिस्पैस और जगसनपाल की इंडोकैप व इंडोकैप एसआर कैप्सूल शामिल है। पुलिस ने इन दवाओं के बैच नंबर की जानकारी भी विभाग से साझा की है। जिसकी जांच के आदेश दिए गए हैं। औषधि निरीक्षक दवाओं की दुकानों का निरीक्षण कर उक्त बैच नंबर का मिलान कर रहे हैैं। इसके अलावा दवाओं की रैंडम सैंपलिंग भी की जा रही है। ताकि किसी भी दवा के अधोमानक मिलने पर तुरंत उसकी बिक्री रोकी जा सके।

 

 

The Drug Control Department has also taken charge to stop the consumption of fake medicines. The batch number provided by the police is being matched with the stock available at the medicine shops.

Apart from this, random sampling of medicines of other batch numbers is also being done by the department.

List of medicines made available

Let us tell you, last Sunday the police had busted a fake medicine factory in Jhabreda. This medicine has been supplied in the market on a large scale. In such a situation, the Drug Control Department has also started action at its level. Drug Controller Tajbar Singh Jaggi said that the list of medicines has been provided by the police.

Random sampling is being done

These include Walter Bushnell’s Urispas and Jagsanpal’s Indocap and Indocap SR capsules. The police has also shared information about the batch numbers of these medicines with the department. Whose investigation has been ordered. Drug inspectors are inspecting the medicine shops and matching the said batch numbers. Apart from this, random sampling of medicines is also being done. So that if any medicine is found sub-standard, its sale can be stopped immediately.

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