दशहरे की मध्य रात्रि गंगनहर को मरम्मत कार्यों के चलते बंद कर दिया गया। हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड के जलविहीन होने से गंगा स्नान को आए श्रद्धालुओं में मायूसी झलकी। वहीं दूसरी तरफ यहां अचानक हजारों लोगों की भीड़ गंग नहर में उतर गई।
बहती हुई गंगा नदी मुक्ति देती है तो वहीं ठहरी गंगा धन और वैभव। दरअसल, दशहरे की रात गंग नहर की वार्षिक बंदी हुई तो हजारों लोग नहर में पैसा सोना, चांदी आदि खोजने में जुट गए। श्रद्धालुओं के द्वारा गंगा को समर्पित जेवर व रुपये पैसे इत्यादि गंग नहर में मिलते हैं।
गंग नहर की बंदी के दौरान देखा जाए तो एक तरह से यहां के श्रमिक वर्ग पत्थर और रेत को छान लेते हैं। दशहरे की मध्य रात्रि गंगनहर को मरम्मत कार्यों के चलते बंद कर दिया गया। हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड के जलविहीन होने से गंगा स्नान को आए श्रद्धालुओं में मायूसी झलकी।
हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड और अन्य गंगा घाटों पर सिक्के और अन्य धातु के सामान आदि चुगने वालों की भीड़ लगी है। सिंचाई विभाग ने रात 12 बजे के बजाय 10 बजे से पहले ही यहां बंद कर दिया। जबकि सिंचाई विभाग के आदेश के अनुसार रात को 12 बजे पानी बंद किया जाना था। वहीं दूसरी तरफ गंगा के बंद होते ही खजाना ढूंढने वाले हजारों लोग गंगा में उतर गए।
Ganganahar was closed at midnight on Dussehra due to repair works. Due to waterlessness of Harki Paidi Brahmakund, there was disappointment among the devotees who had come to take bath in the Ganga. On the other hand, suddenly a crowd of thousands of people descended into the Ganga canal.
If the flowing river Ganga gives salvation, then wealth and glory stay there. In fact, when the annual closure of Ganga Canal took place on the night of Dussehra, thousands of people started searching for money, gold, silver etc. in the canal. Jewelery and money etc. dedicated to Ganga by the devotees are found in the Ganga canal.
If seen during the closure of Ganga Canal, in a way the working class here filters stones and sand. Ganganahar was closed at midnight on Dussehra due to repair works. Due to waterlessness of Harki Paidi Brahmakund, there was disappointment among the devotees who had come to take bath in the Ganga.
There is a crowd of people picking coins and other metal items at Harki Paidi Brahmakund and other Ganga ghats. The Irrigation Department closed the place here before 10 o’clock instead of 12 o’clock at night. Whereas as per the orders of the Irrigation Department, the water was to be shut off at 12 o’clock in the night. On the other hand, as soon as the Ganga was closed, thousands of people searching for treasure entered the Ganga.
Credit by Amar Ujala